उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री और कृषि एवं सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी आय से अधिक संपत्ति के मामले में कानूनी घेरे में आ गए हैं। देहरादून निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट विकेश नेगी द्वारा दायर याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
याचिकाकर्ता विकेश नेगी ने कहा है कि मंत्री जोशी ने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान दाखिल किए गए शपथ पत्र में अपनी संपत्ति 9 करोड़ रुपये दर्शाई थी, जबकि वर्तमान में वह लगातार सरकारी धन का दुरुपयोग कर संपत्ति में अनियमित तरीके से वृद्धि कर रहे हैं। याचिका में बागवानी क्षेत्र, विदेश दौरों और निर्माणाधीन सैन्य धाम परियोजना में भी गड़बड़ियों का आरोप लगाया गया है।
मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की एकलपीठ ने मंत्री गणेश जोशी के अधिवक्ता को वाद की प्रति प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही मंत्री जोशी को 23 जुलाई तक कोर्ट में जवाब दाखिल करने को कहा गया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को भी निर्देशित किया है कि मंत्री के जवाब का प्रति-उत्तर (काउंटर) दाखिल करें। अगली सुनवाई 23 जुलाई को तय की गई है।
गौरतलब है कि न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा 12 जून को सेवानिवृत्त हो गए हैं। यह मामला उनके कार्यकाल का अंतिम फैसला था। अब इस मामले की अगली सुनवाई हाईकोर्ट की किसी अन्य एकलपीठ द्वारा की जाएगी।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि मंत्री जोशी राज्य सरकार के करीबी माने जाते हैं और इसी वजह से अब तक उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। लेकिन अब मामला न्यायालय में पहुंचने के बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत आगे बढ़ेगा।
