देहरादून। विश्व प्रसिद्ध हेमकुंड साहिब के कपाट आगामी 25 मई को तीर्थयात्रियों के लिए खोल दिए जाएंगे। लेकिन हेमकुंड में अभी भी करीब 15 फीट तक बर्फ जमी हुई है। गोविंदघाट से गुरुद्वारा के सेवादार यहां का निरीक्षण कर लौट गाए हैं।वहीं, सेना के जवान इस साल आस्था पथ से बर्फ हटाने का काम 20 अप्रैल से शुरू करेंगे। गोविंदघाट गुरुद्वारे के प्रबंधक सेवा सिंह ने बताया कि 14 अप्रैल को दो सेवादार हेमकुंड साहिब का निरीक्षण करने गए थे। सोमवार को दोनों वापस लौट आए हैं।सेवादारों ने बताया कि धाम में 12 से 15 फीट तक बर्फ जमी हुई है। यहां का पवित्र सरोवर भी पूरी तरह बर्फ से जम गया है।हेमकुंड साहिब से दो किमी पहले अटलाकुडी के पास भारी भरकम ग्लेशियर आया हुआ है, जहां बर्फ को बीच से काटकर रास्ता बनाया जाना है।सर्दियों में हेमकुंड साहिब में हमेशा भारी बर्फबारी होती है। जिसके चलते यहां जगह-जगह हिमखंड पसरे रहते हैं। यात्रा शुरू होने से पहले हर साल सेना के जवान और गुरुद्वारा ट्रस्ट के सेवादार बर्फ हटाते हैं।इस साल जवान 20 अप्रैल से सेना के जवान मार्ग से बर्फ हटाने का काम शुरू करेंगे। वहीं, अगर मौसम लगातार बिगड़ा रहा तो इस बार भी श्रद्धालुओं को हिंमखंडों के बीच से गुजरना पड़ सकता है।
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