संस्कृत भाषा सभी भाषाओं के जननी है, इसीलिए संस्कृत के प्रचार प्रसार हेतु संस्कृतभारती का कार्य प्रशंसनीय है – बेला तोलिया

आज संस्कृतभारती उत्तरांचल न्यास के कुमाऊं संभाग द्वारा श्री राममंदिर धर्मशाला रेलवे बाजार, हल्द्वानी में आवासीय प्रबोधन वर्ग के चतुर्थ दिवस का उद्घाटन वैदिक मंगलाचरण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। अतिथियों का स्वागत प्रान्तसह मंन्त्री डॉ चन्द्र प्रकाश उप्रेती ने किया।
उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि श्रीमती बेला तोलिया ने कहा कि संस्कृत भाषा सभी भाषाओं के जननी है, इसीलिए संस्कृत के प्रचार प्रसार हेतु संस्कृतभारती का कार्य प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि संस्कृत केवल कर्मकाण्ड कि भाषा नही है। भारत का अस्तित्व ही संस्कृत से है। अतः हम सभी को इसके बोलने का अभ्यास बढ़ाना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि तहसील प्रचारक श्री संजीव कुमार ने कहा कि आप लोग सौभाग्यशाली हैं कि देवभाषा संस्कृत में बोलने के लिए इतनी दूर-दूर से आए हैं। संस्कृत हमारा वैभव है, इसे बचाना भी हमारा ही काम है।
प्रान्त शिक्षण प्रमुख डा राघव झा ने अपने उद्बोधन में कहा कि संस्कृत हमारी मूल में है। इसका संरक्षक करना हमारा परम कर्तव्य है।
वर्गाधिकारी श्री कैलाश पंत ने कहा कि संस्कृत हमारी जीवन पद्धति है। किसी भी विषय में यदि शीघ्र समझने की शक्ति को बढ़ाना है तो उसको पहले संस्कृत का अध्ययन करना चाहिए।
कार्यक्रम  की अध्यक्षता कर रही संस्कृतभारती की प्रन्ताध्यक्षा श्रीमती जानकी त्रिपाठी ने कुमाऊं संभाग के प्रत्येक जनपद से आए हुए शिक्षार्थियों का अभिवादन करते हुए, संस्कृत को बढ़ावा देने की बात कही। कुमाऊं संभाग संपर्क प्रमुख श्री प्रकाश भट्ट जी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रान्तमंत्री श्री गिरीश तिवारी ने बताया कि शिविर का समापन 09 जनवरी को होगा इस आवासीय प्रबोधन वर्ग में 60 अधिक शिक्षार्थी प्रशिक्षण ले रहे हैं इस अवसर पर डॉ. जगदीश चंद्र पांडेय, डॉ. हेमंत जोशी, डॉ. कमल बेलवाल, जगदीश जोशी, दीपचन्द्र जोशी, मोहित जोशी , ज्योति प्रकाश , निशान्त, निष्कर्ष, संजय भट्ट जतिनआदि उपस्थित थे।

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