उत्तराखंड में कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल किया गया है। आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने क्षेत्र के 344 पुलिसकर्मियों — जिनमें एएसआई, हेड कॉन्स्टेबल और कॉन्स्टेबल शामिल हैं — का ट्रांसफर मैदान से पहाड़ और पहाड़ से मैदान की ओर किया है। यह बदलाव *वार्षिक स्थानांतरण नीति-2020* के तहत किया गया है।
गढ़वाल परिक्षेत्र के पर्वतीय जिलों से कुल 1092 पुलिसकर्मी ट्रांसफर के पात्र थे। इनमें से 85% कर्मियों ने स्वेच्छा से पहाड़ी जिलों में ही सेवा जारी रखने की इच्छा जताई, जबकि शेष 15% को स्थानांतरित किया गया। आईजी के अनुसार, जिन पुलिसकर्मियों ने पहाड़ में निर्धारित सेवा अवधि पूरी कर ली थी, उन्हें अब मैदानी क्षेत्रों में भेजा गया है। वहीं, मैदानी जिलों में वर्षों से जमे कर्मियों को पहाड़ की सेवा में लगाया गया है।
स्थानांतरण सूची के अनुसार:
पर्वतीय जिलों से मैदान में ट्रांसफर: 9 एएसआई, 45 हेड कॉन्स्टेबल, 106 कॉन्स्टेबल
मैदानी जिलों से पहाड़ में ट्रांसफर: 13 एएसआई, 49 हेड कॉन्स्टेबल, 122 कॉन्स्टेबल
गौरतलब है कि उत्तराखंड पुलिस नियमों के अनुसार इंस्पेक्टर को 4 साल, दारोगा को 6 साल और कॉन्स्टेबल को 8 साल पहाड़ी क्षेत्रों में सेवा देना अनिवार्य है। इसके बावजूद कई पुलिसकर्मी अब तक सिफारिशों के दम पर मैदानी इलाकों में ही जमे हुए थे। लेकिन अब आईजी राजीव स्वरूप की सख्ती के बाद यह स्थिति बदल रही है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले मार्च 2025 में भी गढ़वाल रेंज में तबादले हुए थे, जिनमें 7 इंस्पेक्टर और 31 दारोगा शामिल थे। कुछ तबादले वर्ष 2024 में तय हुए थे, लेकिन विभिन्न कारणों से रुके हुए थे जिन्हें मार्च में लागू किया गया।
