राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया। सम्मेलन का मुख्य विषय “भारतीय भाषाओं की जननी संस्कृत का भाषा वैज्ञानिक पक्ष और तकनीकी शब्दावली” था। उन्होंने उत्तराखण्ड के देव संस्कृति विश्वविद्यालय को सम्मेलन की आयोजन में भाग लेने के लिए सराहा। राज्यपाल ने संस्कृत भाषा को सिर्फ एक स्वविकसित भाषा नहीं, बल्कि एक संस्कारित भाषा भी बताया। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा का वैज्ञानिक संरचना वर्तमान तकनीकी युग में भी महत्वपूर्ण है। राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकास के साथ-साथ विरासत भी” विजन की महत्वता भी उजागर की। सम्मेलन के मुख्य अतिथि डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने संस्कृत भाषा के वैज्ञानिक महत्व को उजागर करने के प्रयास करने का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि अब तक आयोग द्वारा विभिन्न शोधार्थियों के माध्यम से 3 लाख से अधिक शब्द व 300 से अधिक शब्द कोश प्रकाशित किए गए हैं।

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