
उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण का मामला सामने आया है। किदवई नगर क्षेत्र में रेलवे और प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा किए गए सर्वे में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि रेलवे की भूमि पर टीनशेड लगाकर रह रहे नेपाली मूल के सात परिवार न केवल अवैध रूप से कब्जा किए हुए थे, बल्कि चोरी की बिजली भी इस्तेमाल कर रहे थे। सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि इन सभी के पास उत्तराखंड के *राशन कार्ड* और *आयुष्मान भारत स्वास्थ्य कार्ड* भी पाए गए।
सोमवार को जिला प्रशासन, राजस्व विभाग और रेलवे की संयुक्त टीम ने हल्द्वानी के किदवई नगर क्षेत्र में रेलवे भूमि पर अतिक्रमण की स्थिति का निरीक्षण और सीमांकन किया। इस दौरान सरकारी अभिलेखों—खसरा, नक्शा और सीमांकन दस्तावेजों—के आधार पर जमीन की पहचान की गई और कब्जे का स्वरूप, क्षेत्रफल, कब्जाधारियों के नाम आदि की *प्रारंभिक सूची* तैयार की गई।
सर्वेक्षण के दौरान जिन सात परिवारों की पहचान हुई, वे सभी नेपाली मूल के हैं और वर्षों से रेलवे भूमि पर रह रहे थे। इनके पास उत्तराखंड के राशन कार्ड और *5 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज की सुविधा* वाला आयुष्मान कार्ड मौजूद थे। मामले ने शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं—कि आखिर इन दस्तावेजों की वैधता और सत्यापन कैसे हुआ?
सर्वे के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि अतिक्रमणकारी बिना वैध कनेक्शन के बिजली का उपयोग कर रहे थे। मौके पर *ऊर्जा निगम की टीम* को बुलाकर बिजली चोरी की पुष्टि की गई। अधिकारियों ने कहा कि बिजली चोरी के मामलों में संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।
इन परिवारों के दस्तावेजों की वैधता, पते का सत्यापन और नागरिकता की पुष्टि के लिए संबंधित विभागों को प्रकरण सौंप दिया गया है। जिला प्रशासन अब यह जांच कराएगा कि क्या सरकारी योजनाओं का लाभ *फर्जी दस्तावेजों* के माध्यम से लिया गया।
एसडीएम राहुल शाह ने बताया कि सर्वेक्षण के आधार पर तैयार की जा रही रिपोर्ट रेलवे प्रशासन और जिला प्रशासन को भेजी जाएगी। इसके बाद आवश्यक विधिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। निरीक्षण के दौरान सिटी मजिस्ट्रेट जीएस चौहान, एसडीएम राहुल शाह, तहसीलदार मनीषा बिष्ट, रेलवे के अधिशासी अभियंता गिर्जेश कुमार सहित रेलवे और राजस्व विभाग की टीम मौजूद रही।
