नैनीताल
जिलाधिकारी वंदना सिंह के निर्देशों पर अपर जिला अधिकारी पी आर चौहान की अध्यक्षता में 12 फरवरी (सोमवार) को जिलाधिकारी कैंप कार्यालय नैनीताल में जनपद स्तरीय वनाग्नि प्रबंधन योजना समिति की बैठक का आयोजन किया गया।बैठक में जिला स्तरीय वनाग्नि प्रबंधन योजना-2024 के अनुमोदन के साथ जिले में वनों की अग्नि से सुरक्षा हेतु विचार विमर्श और रणनीति निर्धारित की गई।
अपर जिला अधिकारी पी आर चौहान ने वनाग्नि की रोकथाम के लिए तैयारी , पर्यावरण और जंगलों के महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करने और सबकी सहभागिता से वनाग्नि घटनाओं की रोकथाम हेतु निर्देश दिए।
प्रभागीय वनाधिकारी चंद्रशेखर जोशी ने बताया कि
वनाग्नि घटनाओं को रोकने के लिए खंड विकास स्तरीय समिति और वन पंचायत स्तरीय समिति का गठन किया गया है। बताया कि वनाग्नि काल 15 फरवरी से 15 जून तक माना जाता है।
वनों में आग लगाने वाले असामाजिक तत्वों को चिन्हित कर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी । युवाओं, महिलाओं, स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण देकर वनाग्नि के दुष्परिणामों के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
कहा कि जिले के सभी मास्टर कंट्रोल रूम नैनी पीक रिपीटर स्टेशन, स्टेट आपदा नियंत्रण कक्ष, जिला आपदा नियंत्रण, पुलिस नियंत्रण कक्ष, वन विभाग मुख्यालय वनाग्नि और आपदा प्रबंधन से जुड़े हुए हैं। जिले में विद्यमान सभी वन प्रभागों के अंतर्गत मास्टर कंट्रोल रूम स्थापित हैं। जिनमें अग्नि दुर्घटना की सूचना को प्रतिदिन प्राप्त कर संकलित किया जाता है। बताया कि मास्टर कंट्रोल रूम के साथ सभी वन प्रभाग के अंतर्गत रैंज कंट्रोल रूम बनाए गए हैं।
बताया कि वनाग्नि की रोकथाम लिए पिरुल संग्रहण किया जाता है, साथ ही इससे स्थानीय ग्रामीणों, मंगल दल के माध्यम से पिरुल संग्रहण कर अनुबंधित संस्था को उपलब्ध कराया जाता है। इसके लिए ग्रामीणों को 3 रुपया विभाग और 3 रुपया संस्था के माध्यम से प्रति किलो ग्राम दिया जाता है।
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