
उत्तराखंड में जंगली जानवरों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। चंपावत जिले के लोहाघाट तहसील के बाराकोट ब्लॉक स्थित धरगड़ा गांव में हाल ही में एक दर्दनाक घटना सामने आई, जहां मंगलवार 9 नवंबर की सुबह घर से शौच के लिए निकले ग्रामीण देव सिंह अधिकारी को आदमखोर गुलदार ने शिकार बना लिया। घटना के बाद पूरे गांव में दहशत फैल गई है।
गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग ने इलाके में तीन पिंजरे लगाए थे। गुरुवार को एक पिंजरे में रखे शिकार को गुलदार अंदर घुसकर खा गया, लेकिन पिंजरे का दरवाजा लॉक न होने के कारण वह आसानी से बाहर निकलकर फरार हो गया। इससे वन विभाग की उम्मीदें धरी रह गईं, क्योंकि गुलदार को पकड़ने की सफलता एक कदम दूर रह गई।
सुबह जब ग्रामीण पिंजरे के पास पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि पिंजरे का दरवाज़ा आधा खुला है और अंदर रखा शिकार खाया जा चुका है। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग द्वारा लगाए गए पिंजरे सही तरीके से तैयार नहीं थे, अन्यथा गुलदार को पकड़ा जा सकता था। इस घटना को लेकर लोगों में नाराज़गी भी देखी जा रही है।
काली कुमाऊं रेंज के रेंजर राजेश जोशी ने बताया कि यह दुर्भाग्यपूर्ण था कि पिंजरे में घुसने के बावजूद दरवाजा बंद नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम लगातार गश्त कर रही है और हर संभव प्रयास जारी हैं। साथ ही उन्होंने स्थानीय लोगों से सतर्क रहने की अपील की।
आदमखोर गुलदार के खुले में घूमने से पूरे क्षेत्र में भय का माहौल है। ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि गुलदार को जल्द से जल्द पकड़ा जाए या खतरा बढ़ने पर उसे आदमखोर घोषित कर कार्रवाई की जाए। सुरक्षा को देखते हुए क्षेत्र के स्कूलों में टाइमिंग भी बदल दी गई है।






