
देहरादून। उत्तराखंड में मानसूनी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। शनिवार सुबह से हो रही मूसलाधार बारिश के चलते राज्य में भूस्खलन और जलभराव की घटनाएं बढ़ गई हैं। ताजा हालात के मुताबिक प्रदेशभर में करीब 179 सड़कें बंद पड़ी हैं, जिनमें कई राष्ट्रीय और राज्य राजमार्ग भी शामिल हैं। वहीं उत्तरकाशी जिले में बादल फटने की घटना के बाद लापता हुए सात मजदूरों की तलाश अभी भी जारी है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, 29 जून की भारी बारिश से पूरे उत्तराखंड में 2 नेशनल हाईवे, 3 स्टेट हाईवे, 1 बीआरओ हाईवे, 85 PWD और 88 ग्रामीण सड़कें क्षतिग्रस्त या अवरुद्ध हो चुकी हैं। लगातार हो रही बारिश के कारण सड़कें खोलने में मुश्किलें आ रही हैं।
उत्तरकाशी के बड़कोट क्षेत्र में 29 जून को बादल फटने के बाद आपदा जैसी स्थिति बन गई। यहां 29 मजदूर फंस गए थे, जिनमें से 20 का सफल रेस्क्यू कर लिया गया, जबकि 7 मजदूर तेज बहाव में बह गए। अब तक 2 शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 5 अब भी लापता हैं। मौके पर एनडीआरएफ की 15 टीमें, 20 जवान और 2 डॉग स्क्वॉड राहत-बचाव कार्य में लगे हुए हैं।
इसी बीच, रुद्रप्रयाग बस हादसे में लापता हुए 6 लोगों की तलाश अब भी जारी है। रेस्क्यू टीमें लगातार अभियान चला रही हैं, लेकिन तेज बारिश और नदी-नालों में बढ़ते जलस्तर के कारण राहत कार्यों में भारी दिक्कतें आ रही हैं।
राज्यभर में मौसम विभाग ने भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट पहले ही जारी कर रखा है। प्रशासन, आपदा प्रबंधन विभाग, एनडीआरएफ और पुलिस सतर्क हैं, लेकिन बारिश की तीव्रता ने हालात को बेहद चुनौतीपूर्ण बना दिया है।
