देहरादून: उत्तराखंड सिंचाई विभाग में एक गंभीर फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है, जिसमें इंजीनियरों की ट्रांसफर सूची फर्जी हस्ताक्षर से जारी की गई थी। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता सुभाष चंद्र की शिकायत पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ कोतवाली नगर देहरादून में मुकदमा दर्ज किया गया है, और पुलिस मामले की जांच कर रही है।
सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता सुभाष चंद्र ने नगर कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि सिंचाई सचिव के फर्जी हस्ताक्षर कर ट्रांसफर सूची जारी की गई। इस सूची में विभिन्न तारीखों पर ट्रांसफर आदेश जारी किए गए हैं, जिनमें प्रमुख ट्रांसफर इस प्रकार हैं:
31 जनवरी को अपर सहायक अभियंता जयदीप सिंह का पीएमजीएसवाई चंबा से अवस्थापना खंड उत्तरकाशी ट्रांसफर अपर सहायक अभियंता समित कुमार का पीएमजीएसवाई कोटद्वार से सिंचाई खंड श्रीनगर प्रथम ट्रांसफर अपर सहायक अभियंता चिरंजी लाल का जमरानी बांध निर्माण खंड-2 हल्द्वानी से सिंचाई खंड हल्द्वानी उपखंड-1 ट्रांसफर
इसके अतिरिक्त, 11 नवंबर 2024 को एक और सूची जारी हुई थी, जिसमें सहायक अभियंता महेंद्र पाल का ट्रांसफर पीएमजीएसवाई सिंचाई खंड ज्योलिकोट नैनीताल से उपखंड प्रथम सिंचाई खंड नैनीताल किया गया था। इसी तरह, कनिष्ठ सहायक अमित सेमवाल को 19 फरवरी 2025 के आदेश के तहत श्रीनगर से कार्यमुक्त कर मूल कार्यालय सिंचाई कार्यमंडल श्रीनगर भेजा गया था।
पीड़ित अभियंता की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
कोतवाली नगर प्रभारी चंद्रभान अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जल्द ही सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया जाएगा और सिंचाई विभाग में ट्रांसफर प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्राप्त की जाएगी। मामले में अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।
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