एम्स, ऋषिकेश, और रोड ट्रांसपोर्ट विभाग ने साझा पहल के तहत प्रदेश के सभी 13 जिलों में फास्ट रिस्पॉन्डर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया। इस प्रोग्राम के तहत प्रथम चरण में 50 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया। इस पहल का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं की घटनाओं में ट्रामा पेशेंट्स को सुरक्षित अस्पताल तक पहुंचाने में मदद करना है। एम्स के ट्रामा सर्जन डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि यह पहल उत्तराखंड के प्रत्येक जिले में 50 फास्ट रिस्पॉन्डर्स ट्रेनर्स को तैयार करेगी, जो ट्रामा मरीजों के लिए अहम सहायक होंगे। उन्होंने इसका महत्व बताते हुए कहा कि दुर्घटना के मामले में पहले तीन घंटे बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, और यह ट्रेनर्स इस डेथ रेट को कम करने में मदद कर सकते हैं। डॉ. मीनू सिंह, एम्स ऋषिकेश के कार्यकारी निदेशक, ने इस मुहिम की सार्थकता पर जोर दिया और यह साझा पहल इंस्टीट्यूट को एक पब्लिक बेस्ड संस्था बनाने का संकल्प दिखाता है। इस प्रयास के माध्यम से ट्रॉमा मामलों में मृत्यु दर को कम किया जा सकता है, जो कि पहाड़ी क्षेत्रों में आम है।