ऋषिकेश, 22 अप्रैल। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश न केवल असाध्य रोगों से ग्रसित बीमार लोगों का इलाज कर उन्हें नया जीवन प्रदान कर रहा है अपितु मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में भी यह संस्थान नित नई ऊंचाईयों की ओर अग्रसर है। देश के सर्वोच्च 50 चिकित्सा संस्थानों की सूची में 22वें स्थान पर अपनी जगह बनाकर संस्थान ने गत वर्ष गुणवत्तापरक शिक्षा को प्रमाणिक कर दिखाया है। इसके साथ ही एम्स ऋषिकेश अभी तक 574 चिकित्सकों को भी देश की सेवा में समर्पित कर चुका है।
विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन के अलावा अपने मेडिकल कॉलेज के माध्यम से संस्थान द्वारा अब तक 574 एम.बी.बी.एस डॉक्टर्स तैयार कर देश की सेवा में समर्पित किए जा चुके हैं। उल्लेखनीय है कि एम्स ऋषिकेश में एमबीबीएस का पहला बैच सितम्बर- 2012 में शुरू हुआ था। एम्स के एमबीबीएस कॉलेज की शैक्षणिक उन्नति का जिक्र करते हुए संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने बताया कि नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) द्वारा जारी की जाने वाली वार्षिक सूची के अनुसार वर्ष 2022 की रैकिंग में एम्स ऋषिकेश का स्थान 49वें नम्बर पर था, जो अनुभवी फेकल्टी सदस्यों और बेहतर शिक्षण व्यवस्था की बदौलत वर्ष 2023 में 22वें स्थान पर जगह बनाने में कामयाब रहा। उन्होंने बताया कि संस्थान का प्रयास है कि चिकित्सा स्वास्थ्य के क्षेत्र में एलोपैथिक पद्धति के साथ-साथ आयुष पद्धति को भी बढ़ावा दिया जाए।
ऋषिकेश। एम्स के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस पाठ्यक्रम की कुल 125 सीटें हैं। इस कोर्स के अलावा वर्तमान में यहां एमडी, एमएस, एमडीएस, डीएम, एमसीएच, पीएचडी, मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ, एमएससी नर्सिंग और बीएससी एलाईड हेल्थ के पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।
एम्स ऋषिकेश के मेडिकल कॉलेज में वर्तमान में 214 फेकल्टी सदस्य शैक्षणिक कार्यों को आगे बढ़ा रहे हैं। इनमें 60 प्रोफेसर, 64 एडिशनल प्रोफेसर, 60 एसोसिएट प्रोफेसर और 30 असिस्टेंट प्रोफेसर शामिल हैं। हालांकि यहां फेकल्टी के कुल 305 पद स्वीकृत हैं। उक्त सभी फेकल्टी सदस्य मेडिकल कॉलेज की शिक्षण व्यवस्था के अलावा अस्पताल में मरीजों का इलाज व अनुसंधान कार्य भी करते हैं।