कांग्रेस को एक और जोर का झटका बिट्टू कर्नाटक ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया

उत्तराखंड नगर निकाय चुनाव की सरगर्मी के बीच राजनीतिक माहौल गर्माया हुआ है। ऐसे में कांग्रेस को एक और जोर का झटका लगा है। अल्मोड़ा से मेयर का टिकट नहीं मिलने से नाराज पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के करीबी सहयोगी बिट्टू कर्नाटक ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उनका यह कदम निकाय चुनाव में कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती साबित हो सकता है।

बिट्टू कर्नाटक ने पार्टी नेतृत्व की कार्य प्रणाली और टिकट वितरण को लेकर अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि वह पिछले कई वर्षों से कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं, लेकिन पार्टी ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया।

अपने इस्तीफे का कारण बताते हुए बिट्टू कर्नाटक ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अब उस दिशा में काम नहीं कर रही है, जो पार्टी के कार्यकर्ताओं के हित में हो। उन्होंने यह मुद्दा लगातार अल्मोड़ा में पार्टी फोरम पर उठाया था, लेकिन उनकी बातों को नजरअंदाज किया गया।

बिट्टू कर्नाटक ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने निकाय चुनाव में पैराशूट कैंडिडेट्स उतारकर समर्पित कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ा है। उन्होंने कहा कि वह 35 वर्षों से कांग्रेस के लिए निष्ठापूर्वक काम कर रहे थे, लेकिन पार्टी ने उनके प्रयासों को नजरअंदाज किया, जिसके बाद उन्होंने पार्टी से इस्तीफा लेने का फैसला किया।

इस पर कांग्रेस की ओर से बयान आया है, जिसमें प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट ने कहा कि टिकट बंटवारे के बाद कार्यकर्ताओं में नाराजगी स्वाभाविक है। राजनीति में सभी की महत्वाकांक्षाएं होती हैं, लेकिन हर किसी को टिकट मिल पाना संभव नहीं है।

शीशपाल बिष्ट ने यह भी कहा कि बिट्टू कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ कार्यकर्ता रहे हैं और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उन्हें पुत्र जैसा सम्मान दिया था। हालांकि, उनकी नाराजगी का कोई बड़ा कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सोच-समझ कर टिकटों का बंटवारा किया है, और पार्टी उनकी नाराजगी को दूर करने का प्रयास करेगी।

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