बदरीनाथ विधायक भाजपा में हुए शामिल खत्म ही नहीं हो कांग्रेस में इस्तीफों का दौर, कांग्रेस को लगे दो बड़े झटके

देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस में इस्तीफों का दौर खत्म ही नहीं हो रहा है। रविवार को कांग्रेस को दो बड़े झटके लगे। टिहरी से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके विरष्ठ नेता धन सिंह नेगी और बदरीनाथ विधायक व पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह भंडारी ने पार्टी छोड़ दी। वहीं, तीन दिन में आठ बड़े नेताओं के इस्तीफे से पार्टी में हड़कंप मचा हुआ है। बदरीनाथ विधायक व पूर्व मंत्री राजेंद्र भंडारी ने दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। उत्तराखंड राज्य के मुख़्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मंत्री पीयूष गोयल, पौड़ी सीट से उम्मीदवार अनिल बलूनी और उत्तराखंड भारतीय जनता पार्टी के प्रभारी दुष्यंत गौतम ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। गौरतलब हैं की विगत शुक्रवार को गंगोत्री के पूर्व विधायक विजय पाल सजवाण और पुरोला के पूर्व विधायक मालचंद ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। फिर शनिवार को पार्टी का चर्चित चेहरा माने जाने वाली नेता कांगेस नेता हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं ने इस्तीफा दे दिया। पौड़ी से कांग्रेस के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष केसर सिंह नेगी ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया। तो वहीं, विकासखंड कोट के पूर्व प्रमुख व कांग्रेस के पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य नवल किशोर ने भी कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया। इसके अलावा पौड़ी ब्लॉक प्रमुख दीपक कुकसाल ने भी कांग्रेस छोड़ दी।
चमोली जनपद के पोखरी विकास खंड के नैली ऐंथा गांव निवासी राजेंद्र भंडारी ने छात्र जीवन से राजनीति की शुरुआत की थी। वर्ष 2002 से 2007 तक वे चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष रहे। 2007 में नंदप्रयाग विधानसभा से वे निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में जीते और भाजपा की खंडूड़ी सरकार में 2012 तक खेल मंत्री रहे थे। वर्ष 2012 में उन्हाेंने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा और बदरीनाथ विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुए। तब वे हरीश रावत सरकार में अंतिम छणों में तीन माह तक कृषि मंत्री रहा। वर्ष 2017 में वे महेंद्र भट्ट से चुनाव हार गए थे और 2022 में फिर विधायक बने।

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