खनन रॉयल्टी और वाहनों की फिटनेस निजी हाथों में देने का खनन से जुड़े कारोबारियों ने विरोध करते हुए सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया।

हल्द्वानी। खनन रॉयल्टी और वाहनों की फिटनेस निजी हाथों में देने का खनन से जुड़े कारोबारियों ने विरोध करते हुए सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया। उन्होंने यह निर्णय वापस न लेने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। सोमवार को गौला खनन मजदूर उत्थान समिति के बैनर तले गौला खनन से जुड़े तमाम लोगों ने बुद्धपार्क में एकत्रित होकर एसडीएम कोर्ट तक जुलूस निकाला। उनका कहना था कि खनन से जुड़े वाहन तीन से चार महीने ही कार्य कर पाते हैं और शेष समय उन्हें परिवहन विभाग में सरेंडर कर दिया जाता है। ऐसे में फिटनेस के नाम पर उनसे 14 हजार 400 रूपए लिया जाना उचित नहीं है। उन्होंने इसे पूर्व की भांति 1440 रूपए करने की मांग की। खनन कारोबारियों का कहना था कि गौला नदी में 3 महीने बाद भी खनन कार्य शुरू नहीं हो पाया है। उन्होंने सरकार पर गौला खनन से जुड़े कारेाबारियों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। कहा कि पहले वाहनों की फिटनेस निजी सेंटरों से कराई जाने लगी। अब खनन रॉयल्टभ् निजी हाथों में दी जा रही है जिससे इसका असर उनके कारोबार पर पड़ेगा। उन्होंने सरकार से पूर्व की भांति सरकारी एजेसियों के माध्यम से खनन कार्य कराने की मांग की। साथ ही चेताया कि अगर उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया तो खनन से जुड़े कारोबारी आमरण अनशन करने को मजबूर होंगे। इस दौरान राजेंद्र बिष्ट, जीवन कब्डाल, रमेश चंद्र जोशी, इंदर सिंह नयाल, भगवान धामी, कैलाश भट्ट, जीवन बोरा, सुरेश चंद्र जोशी, कवीन्द्र कोरंगा, नरेंद्र सिंह राणा, नफीस चौधरी, सुरजीत सिंह, फईम खान, विजय बिष्ट, धर्मेंद्र मेहरा आदि मौजूद रहे।

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