चिकित्सा लापरवाही के कारण डेढ़ साल के बच्चे की मौत के मामले ने तूल पकड़ा

उत्तराखंड के बागेश्वर जिला अस्पताल में चिकित्सा लापरवाही के कारण डेढ़ साल के बच्चे की मौत का मामला तूल पकड़ गया है। चमोली जिले के चिडंगा गांव निवासी सैनिक दिनेश चंद्र का बेटा शुभांशु जोशी 10 जुलाई 2025 को अचानक बीमार पड़ा। परिजन उसे लेकर ग्वालदम, फिर बैजनाथ अस्पताल होते हुए बागेश्वर जिला अस्पताल पहुंचे। लेकिन हर जगह इलाज टालते हुए अंततः शाम 6 बजे उसे हल्द्वानी रेफर कर दिया गया। 108 एंबुलेंस समय पर न मिलने के कारण मासूम ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।

इस दुखद घटना के बाद राज्यभर में आक्रोश फैल गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी बयान जारी करना पड़ा। मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जांच के आदेश दिए। शुरू में गठित तीन सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट को शासन ने अपर्याप्त मानते हुए जिलाधिकारी बागेश्वर को उच्च स्तरीय जांच सौंपी।

डीएम की जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. तपन शर्मा सहित कुल सात स्वास्थ्यकर्मियों पर कार्रवाई की गई है। डॉ. शर्मा को उनके पद से हटाकर निदेशक, कुमाऊं मंडल से संबद्ध किया गया है। वहीं 108 एंबुलेंस के दो चालकों को एक माह के लिए सेवा से हटाकर अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। तीन अन्य स्टाफ — दो नर्सिंग अधिकारी और एक कक्ष सेवक — को सख्त चेतावनी दी गई है। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अंकित कुमार के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज करने का आदेश दिया गया है।

स्वास्थ्य सचिव आर. राजेश कुमार ने कहा है कि यह घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और विभाग में किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने साफ कहा कि सभी अधिकारी-कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी संवेदनशीलता से निभाएं, वरना सख्त कार्रवाई तय है।

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