देहरादून। एक किशोरी के स्कूल आने-जाने के रास्ते में एक युवक छेड़छाड़ कर लगातार परेशान कर रहा था। किशोरी ने अपनी बड़ी बहन को उसकी हरकतों के बारे में बताया। बड़ी बहन पुलिस के पास जाने में झिझक थी तो राज्य बाल आयोग के मोबाइल नंबर पर व्हाट्सएप मैसेज के जरिए समस्या साझा की। आयोग की टीम ने उस लड़की को कॉल कर पूरी बात सुनी। उसके बाद स्थानीय एसडीएम से फोन के जरिए बात करके पुलिस एक्शन कराया गया। उस युवक के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ। राज्य बाल आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना कहती हैं, उत्तराखंड के दूर पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले बालक और बालिकाओं से जुड़े तमाम मामलों का समाधान आयोग व्हाट्सएप मैसेज के जरिए कर रहा है। मैसेज करने वाला वास्तविक लगता है तो उसकी तत्काल सहायता होती है। खुद डॉ खन्ना के मोबाइल पर महीने में छह-सात शिकायतें व्हाट्स एप पर आती हैं, जिनका समाधान वह फोन के जरिए संबंधित अधिकारी से वार्ता करके करती हैं। इस तरह शिकायतकर्ता और आयोग दोनों के समय और संसाधनों की बचत भी होती है।
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