
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद में भारी बारिश और भूस्खलन के चलते आपदा राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है। अब तक कुल 113 लोगों को एयरलिफ्ट कर मातली हेलीपैड लाया जा चुका है, जहां से उन्हें उनके गंतव्यों के लिए रवाना किया जा रहा है।
इसरो (ISRO) द्वारा जारी सैटेलाइट तस्वीरों ने क्षेत्र में हुई तबाही की भयावह तस्वीरें सामने रखी हैं। इन तस्वीरों में लगभग 20 हेक्टेयर क्षेत्र में मलबा फैला हुआ नजर आ रहा है। भागीरथी नदी का प्रवाह पूरी तरह बदल गया है। कई इमारतें जलमग्न हो गई हैं, जबकि कुछ पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी हैं। विशेष रूप से धाराली गांव की स्थिति अत्यंत गंभीर बनी हुई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर मातली हेलीपैड पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को तेजी से राहत पहुंचाने के निर्देश दिए और कहा कि सरकार हर प्रभावित नागरिक के साथ खड़ी है।
उत्तरकाशी से धराली की ओर जाते समय मनेरी गांव से दो किलोमीटर आगे सड़क का एक हिस्सा भागीरथी में समा गया है। बड़ी मशीनों से पहाड़ी काटकर कच्चा रास्ता तैयार किया गया, हालांकि नदी के तेज बहाव से अभी भी खतरा बना हुआ है।
यहां दो स्थानों पर भारी भूस्खलन के कारण सड़क पूरी तरह नष्ट हो गई है। सड़क सुरक्षा संगठन ने पहला कच्चा रास्ता तैयार कर लिया है और देर शाम तक एक किलोमीटर आगे तक छोटी गाड़ियों के लिए अस्थायी मार्ग भी बना दिया गया।
भटवाड़ी से 15 किलोमीटर आगे स्थित गंगनानी में एक पुल बह गया है। सड़क सुरक्षा संगठन की टीमों ने पैदल जाकर स्थान का निरीक्षण किया है और नया पुल बनाने की योजना तैयार की जा रही है।
गंगनानी से आगे डबरानी क्षेत्र में भी सड़क का एक बड़ा हिस्सा बह गया है। जवानों को आशंका है कि जैसे-जैसे राहत दल आगे बढ़ेगा, और भी क्षतिग्रस्त हिस्से सामने आ सकते हैं।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, सेना, फायर विभाग और राजस्व विभाग की टीमें संयुक्त रूप से राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हैं।
आईटीबीपी मातली में लगातार हेलीकॉप्टर के माध्यम से लोगों को लाया जा रहा है। आज सुबह 9 बजे तक 55 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।
सरकार और प्रशासन की प्राथमिकता फंसे हुए सभी लोगों को सुरक्षित निकालना और यातायात बहाल करना है। प्रभावित क्षेत्रों में बिजली, पानी और संचार सेवाएं बहाल करने के प्रयास भी जारी हैं।
