देहरादून। बीते गुरुवार को तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर के कपाट बंद हो गए, और बाबा की डोली मक्कू मठ पहुंच चुकी है। अगले कपाट खुलने तक बाबा तुंगनाथ की पूजा मक्कू मठ में ही होगी। लेकिन रास्ते में लगे टेंट की वजह से बाबा की डोली मक्कू मठ स्थित मंदिर पहुंचने में 5 घंटे की देरी हुई। इसे लेकर मुख्यमंत्री खफा हो गए, और विभाग द्वारा तत्काल कार्रवाई की गई। इस संबंध में निम्नलिखित जानकारी दी गई है:
भगवान श्री तुंगनाथ जी की डोली के आगमन वाले पैदल रास्ते पर टेंट स्थापित करने से डोली के 5 घंटे तक रुके रहने की शिकायत के संबंध में इस कार्यालय की पत्र संख्या-1348/21-2(शि०) दिनांक 08.11.2024 के द्वारा उप प्रभागीय वनाधिकारी, रूद्रप्रयाग उप वन प्रभाग को जांच के निर्देश दिये गए थे। उप प्रभागीय वनाधिकारी, रूद्रप्रयाग उप वन प्रभाग द्वारा अपने पत्रांक- 233/21-1 दिनांक 08.11.2024 को जांच रिपोर्ट प्रेषित की गई।
जांच रिपोर्ट के अनुसार, आरक्षित वन रागसी कक्ष संख्या 2 (निकट मक्कू बैण्ड) में स्थित पैदल मार्ग में पारिस्थितिक पर्यटन के अंतर्गत वर्ष 2023-24 में ईको हट का निर्माण किया गया था, जिसके कारण भगवान तुंगनाथ जी की चल विग्रह डोली को आगे बढ़ने में अवरोध उत्पन्न हुआ। जैसे ही यह जानकारी प्राप्त हुई, वन क्षेत्राधिकारी, अगस्त्यमुनि ने अनुभाग अधिकारी एवं बीट अधिकारी को तुरंत मौके पर भेजने का निर्देश दिया और भगवान तुंगनाथ की डोली के लिए रास्ता बनाने के निर्देश दिए। इसके बाद, मौके पर उपस्थित स्थानीय लोगों और डोली के साथ चल रहे पुजारियों से दूरभाष पर वार्ता की गई और रास्ता बनाने के कार्य को तुरंत शुरू किया गया।
मार्ग पर अवरोध उत्पन्न कर रहे ईको हट को खाली किया गया, और प्लेटफार्म को शिफ्ट करने के लिए स्थानीय लोगों की मदद ली गई। उप प्रभागीय वनाधिकारी, रूद्रप्रयाग, वन क्षेत्राधिकारी, अगस्त्यमुनि और 6 अन्य वन कर्मियों सहित 2 वेल्डर मशीनों द्वारा ईको हट को आंशिक रूप से अन्यत्र स्थानांतरित किया गया, इसके बाद परंपरागत पौराणिक मार्ग से भगवान श्री तुंगनाथ की चल-विग्रह डोली आगे बढ़ी।
उप प्रभागीय वनाधिकारी, रूद्रप्रयाग उप वन प्रभाग की आख्या के अनुसार, उप वन क्षेत्राधिकारी कुंवर लाल को मौके पर पहुंचने में विलंब किया गया और समस्या के समाधान से बचने का प्रयास किया गया। इस प्रकार, उप वन क्षेत्राधिकारी अपने कर्तव्य निर्वहन में विफल रहे और उत्तरांचल राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली 2002 का उल्लंघन किया। अतः कुंवर लाल, उप वन क्षेत्राधिकारी को प्रथम दृष्टया राजकीय कर्तव्य एवं दायित्वों के निर्वहन में घोर लापरवाही बरतने के लिए प्रभागीय कार्यालय, रूद्रप्रयाग वन प्रभाग में संबद्ध किया गया है।