उत्तराखंड में भाजपा संगठन और धामी कैबिनेट में फेरबदल को लेकर फैसले की घड़ी करीब मानी जा रही है। पीएम मोदी के उत्तराखंड दौरे के एकदम बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का दिल्ली जाना और वहीं रुकना, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी के आए बयान, जल्द बदलाव की संभावना की ओर साफ इशारा कर रहे हैं। फिलहाल धामी मंत्रिमंडल में चार पद खाली हैं और विस्तार की संभावना में मंत्रिमंडल में जगह पाने के लिए कई दावेदार हैं। धामी मंत्रिमंडल में संभावित नए चेहरों के तौर पर विकासनगर विधायक मुन्ना सिंह चौहान, पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, धर्मपुर विधायक विनोद चमोली, देवप्रयाग विधायक विनोद कंडारी, भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा, भेल रानीपुर विधायक आदेश चौहान, कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल के नाम चर्चा में हैं। भाजपा नेतृत्व को क्षेत्रीय और जातिगत आधार पर संतुलन बनाते हुए मंत्रिमंडल विस्तार में युवा नेताओं को शामिल करने की कोशिश करनी होगी । वहीं भट्ट ने फिर मीडिया में बयान दिया कि कैबिनेट विस्तार होना तय है। इस बार उन्होंने अपनी यह बात काफी जोर देकर कही। साथ में यह भी जोड़ा कि मुख्यमंत्री इस पर जल्द निर्णय करेंगे। रोचक बात यह कि भट्ट ने यह बात ऐसे समय दोहराई जब सीएम धामी दिल्ली प्रवास पर हैं और उनके शनिवार को भी वहां रहने की संभावना है। वहीं, बलूनी का यह कहना कि उन्होंने पार्टी फोरम पर मजबूती के साथ अपनी बात रख दी है, ये सारे इत्तेफाक किसी बड़े फैसले की ओर इशारा तो कर ही रहे हैं। सीएम का दिल्ली में रुकना और केंद्रीय नेताओं से उनकी प्रस्तावित मुलाकातों के सियासी मायने टटोले जा रहे हैं। चर्चा है कि मसला सिर्फ कैबिनेट विस्तार तक सीमित नहीं है। कुछ मौजूदा मंत्रियों के विभागों में अदला-बदली भी हो सकती है। बात सिर्फ नए कैबिनेट मंत्री बनाए जाने की संभावना से ही नहीं जुड़ी है। भाजपा नेतृत्व को राज्य में नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भी निर्णय लेना है। नए मुख्य सचिव भी तय होने हैं। पार्टी से सूत्रों का कहना है कि इन सारी बातों के लिए अब यही माकूल समय है। संगठन-सरकार लोकसभा चुनाव, विधानसभा सीटों पर उपचुनाव और अब स्थानीय निकायों के चुनाव से फारिग हो चुकी है। ऐसे में पार्टी के भीतर अब कैबिनेट विस्तार और उससे भी आगे बदलाव की अटकलें लगाई जा रही हैं तो यूं ही नहीं हैं।
