देहरादून। देहरादून महानगर सिटी बस सेवा सोसाइटी के अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने आज मीडिया कर्मियों से राजधानी देहरादून मे वार्ता करते हुये बताया की उन्होंने उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री को एक शिकायत पत्र भेजा हैं, जिसमें कहा गया की परिवहन विभाग द्वारा 18 अस्थाई परमिटों पर वाहनों के कर (टैक्स) को माफ किया जाना नियम विरूद्ध है, क्योंकि उत्तराखंड मोटरयान कराधान सुधार अधिनियम 2003 में उल्लिखित धाराओं में किसी भी वाहन को अस्थाई परमिट जारी करने के उपरांत उससे प्राप्त होने वाले कर (टैक्स) को कर की माफी दिए जाने का कोई प्रावधान उल्लिखित नहीं है। लेकिन आरटीओ देहरादून द्वारा अधिसूचना के विरुद्ध अस्थाई (टेंपरेरी) परमिटों पर सवारी गाड़ियों के टैक्स को अवैध रूप से माफ किया गया, जबकि इस संबंध में शासन द्वारा आरटीओ देहरादून को कोई निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। जबकि शासन द्वारा अधिसूचना दिनांक 4 अक्टूबर 2022 के अंतर्गत केवल स्थाई सवारी गाड़ी परमिट (बस) पर नगर सेवा के रूप में संचालित वाहनों के लिए ही कर माफी का प्रावधान शासन द्वारा किया गया है। परंतु इस अधिसूचना में भी यह प्रावधान नहीं है कि अस्थाई रूप से दिए गए परमिटों पर कोई कर माफी की जाए। इससे यह स्पष्ट होता है की परिवहन विभाग ने गलत रूप से अस्थाई रूप से संचालित परमिटों पर वाहनों की कर माफी की जा रही है जो नियम विरूद्ध है।
देहरादून महानगर सिटी बस सेवा सोसाइटी के अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने शिकायत पत्र मे मांग की कि 18 अस्थाई परमिटों पर वाहनों के कर (टैक्स) को माफ करने के मामले की स्पष्ट जांच कराने के आदेश जारी किये जाये।