दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। जिसके बाद उनके तिहाड़ जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। ये जमानत उन्हें दिल्ली आबकारी नीति मामले में सीबीआई से जुड़े केस में मिली है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने उन्हें सशर्त जमानत दी है। नई दिल्ली में विवाद की शुरुआत (17 नवंबर 2024) को हुई। दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति की घोषणा की। लेकिन, विवाद बढ़ने पर, 28 जुलाई 2022 को इस नीति को वापस ले लिया गया और पुरानी नीति लागू कर दी गई। हालांकि, इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में जांच शुरू की और 8 जुलाई 2022 को दिल्ली के उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की मांग की। सीबीआई ने दिल्ली सरकार के नेताओं, विशेषकर मनीष सिसोदिया, को आरोपी बनाया। इसके बाद, अक्टूबर 2023 से मार्च 2024 के बीच, ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कुल 9 समन भेजे। अंततः, 21 मार्च 2024 को अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया गया। लोकसभा चुनावों के दौरान, केजरीवाल को सशर्त जमानत मिली और उन्हें 2 जून 2024 को सरेंडर करना था। ट्रायल कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ सीधे सबूत नहीं हैं और जमानत दी, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। सीबीआई ने तिहाड़ जेल में केजरीवाल से पूछताछ की और फिर उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी केस में अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी, लेकिन सीबीआई केस के कारण वे जेल से बाहर नहीं आ सके। कोर्ट ने माना कि 90 दिन से जेल में रहने के कारण जमानत जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को सशर्त जमानत दी है, जिससे उनका तिहाड़ जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। इस घटनाक्रम ने दिल्ली की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ ला दिया है, और इसके साथ ही यह संकेत भी दिया है कि इस मुद्दे पर कानूनी और राजनीतिक गतिविधियाँ अभी भी जारी रहेंगी।

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