पंचायतों का कार्यकाल 2 वर्ष बढ़ाने की मांग

पिथौरागढ़। उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन देकर पंचायतों का कार्यकाल 2 वर्ष बढ़ाने तथा राज्य वित्त एवं 15वें वित्त के चार बार भुगतान की नवीन प्रणाली पर तत्काल रोक लगाने की मांग की।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष तथा जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन देते हुए कहा कि कोविड 19 के कारण 2 वर्ष तक पंचायतें अपनी सामान्य बैठक में भी नहीं कर पाई। उन्होंने कहा कि पंचायत एक्ट के अनुसार अगर वर्ष भर में न्यूनतम पंचायतों की चार बैठके नहीं होती है, तो उस कालखंड को पंचायतों का कार्यकाल नहीं माना जा सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के 12 जनपदों के साथ हरिद्वार जनपद का पंचायत चुनाव कराने के लिए पूर्व में भी एक बार दो वर्षों का कार्यकाल त्रिस्तरीय पंचायतों का बढ़ाया गया था। उसके बाद भी इस कार्य को सफलता नहीं मिली। उन्होंने कहा कि कोविद-19 तथा हरिद्वार जनपद के पंचायत चुनाव शेष उत्तराखंड एक साथ कराने के लिए वर्तमान त्रिस्तरी पंचायत का कार्यकाल 2 वर्ष बढ़ाया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पंचायत में राज्य वित्त तथा 15 वें वित्त का भुगतान पूर्व की भांति किया जाना आवश्यक है। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा चार बार भुगतान करने की जो प्रणाली लागू की गई है। वह कर्मचारियों के नहीं होने के कारण वह प्रणाली पर्वतीय क्षेत्रों में व्यावहारिक नहीं है। उन्होंने कहा कि पूर्व की भांति दोनों मदों का भुगतान एक समय में किए जाने की पूर्व की पद्धति को ही लागू किए जाने के लिए राज्य सरकार को हस्तक्षेप किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन दो मामलों में अगर कोई कार्रवाई नहीं करती है, तो उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करेगी।

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