एन० टी० ए० द्वारा आयोजित उत्तराखंड की भर्ती परीक्षाओं की जांच की मांग राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन, कमिशनर कार्यलय के सामने किया प्रदर्शन।

उत्तराखंड की एनटीए द्वारा आयोजित परीक्षाओं की सीबीआई जांच तथा परीक्षा प्रणाली में सुधार की मांग,कुमाऊं कमिश्नर को सोपा ज्ञापन किया विरोध प्रदर्शन।

 

नैनीताल।
राष्ट्रीय स्तर पर एन० टी० ए० द्वारा आयोजित की गई नीट यूजी की परीक्षाओं में धांधली व नेट जेआरएफ सहित अन्य परीक्षाओं में भी धांधली की बातों के बीच अब उत्तराखंड की एन० टी० ए० द्वारा आयोजित परीक्षाओं की भी जांच की मांग उत्तराखंड में उठने लगी है ।उत्तराखंड बेरोजगार संघ के विधानसभा अध्यक्ष पवन रावत व उत्तराखंड युवा एकता मंच के संयोजक पीयूष जोशी के नेतृत्व में कमिश्नर कार्यालय पहुंचे दर्जनों युवाओं ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सोपा।
इस दौरान छात्र छात्राओं व बेरोजगार संघ के पदाधिकारियों ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा की उत्तराखंड में राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा राज्य में आयोजित अन्य परीक्षाओं की भी जांच की जानी आवश्यक है।
उत्तराखंड उच्च न्यायालय स्टेनो तथा उच्च न्यायालय क्लर्क परीक्षाओं सहित एन० टी० ए० द्वारा आयोजित हाल की परीक्षाओं में धांधली तथा अनियमितताओं का संदेह पैदा हुआ है।
इन परीक्षाओं में बैठने वाले छात्र धोखाधड़ी के डर से जांच की मांग कर रहे हैं।
साथ ही बेरोजगार संघ का मानना है कि इन परीक्षाओं की पारदर्शिता तथा निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए सीबीआई जांच आवश्यक है।
गौरतलब यह था कि छात्र-छात्राएं व बेरोजगार संघ के पदाधिकारी अपने तय कार्यक्रम के अनुसार कमिश्नर कार्यालय में ज्ञापन वह एन० टी० ए० का पुतला दहन करने आए हुए थे परंतु कमिश्नर को ज्ञापन देने के बाद पुलिस अधिकारियों ने उनका पुतला यह होकर छीन लिया कि पुतला दहन की परमिशन नहीं ली गई है ।
जिसको बेरोजगार संघ ने संवैधानिक अधिकारों का हनन बताया साथी मंकी की किस प्रकार पुतला चुना गया उसे प्रकार पेपर की लीकेज भी पुलिस अधिकारी भर्ती परीक्षाओं से छीन ले।
इस दौरान उत्तराखंड युवा मंच के संयोजक पीयूष जोशी ने कहा कि इस लीकतंत्र के लिए आज का प्रदर्शन हुआ ज्ञापन सांकेतिक था परंतु इस प्रदर्शन के दौरान भी प्रशासन द्वारा पुतला दहन के लिए लाया गया पुतला यह कहकर छीन लिया गया कि पुतला दहन की परमिशन होना आवश्यक है परंतु पेपर लीक करने वाले माफियाओं द्वारा पेपर लीक किसकी इजाजत लेकर किया जाता है यह तय किया जाना भी आवश्यक है।
संवैधानिक दायरे में जब लोगों को परमिशन लेकर विरोध करना पड़ता है,तो पेपर लीक करने वालों के लिए संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की जानी चाहिए।
इस दौरान बेरोजगार संघ के विधानसभा अध्यक्ष पवन रावत ने कहा कि राज्य की भर्ती परीक्षाओं को लेकर सीबीआई जांच की मांग को लेकर आज बेरोजगार संघ को लगभग 600 दिन पूरे होने को हैं परंतु राज्य सरकार सुनने को तैयार नहीं है उन्होंने केंद्र सरकार की तर्ज पर राज्य की सभी भर्ती परीक्षाओं व एन० टी० ए० द्वारा आयोजित हाईकोर्ट स्टेनो,हाई कोर्ट क्लर्क का आदि परीक्षाओं की जांच तत्काल सीबीआई को सौंपने की मांग की उन्होंने कहा कि अगर मांग पूरी नहीं होती तो जल्द एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

इस दौरान कुमाऊं कमिश्नर ने उन्हें आश्वस्त किया कि वह यह ज्ञापन राष्ट्रपति के नाम तत्काल प्रेषित करेंगे तथा संबंधित चयन आयोग को भी जो उचित होगा वह लिखने का प्रयास करेंगे।

इस दौरान युवा एकता मंच के संयोजक पियूष जोशी, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता किरण डालाकोटी ,बेरोजगार संघ के विस. सचिव कबीर शाह, विनीत कबडवाल, कार्यकारिणी सदस्य कार्तिक शाह, प्रदीप आर्या, तरुण कुमार, राहुल रावत, नितेंन्दर बिष्ट , संदीप सिंह,आकांशा राय, अनुष्का, छात्र नेता अभिषेक कुमार, अभिषेक बिष्ट, पियूष कुमार, नीरज कन्याल, राहुल जोशी,राहुल आर्या आदि समेत परिवर्तनकामी छात्र संगठन (पछास) से महेश चन्द्र व चन्दन,शीलू कुमार शामिल थे।

इन मांगों पर राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन :

1. किसी भी अनियमितता और धांधली की जांच के लिए हाई कोर्ट स्टेनो और हाई कोर्ट क्लर्क परीक्षाओं सहित उत्तराखंड में एनटीए द्वारा आयोजित सभी परीक्षाओं की सीबीआई जांच का आदेश दें।

2. यदि कोई अनियमितता पाई जाती है तो एनटीए द्वारा आयोजित परीक्षा रद्द कर दें।

3. इन परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों के भविष्य पर स्पष्ट स्पष्टीकरण प्रदान करें।

4. अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार एनटीए अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें।

5. पेपर लीक रोकने के लिए त्वरित कार्रवाई और दोषियों को सजा।

6. छात्रों की तैयारी के खर्च के लिए सरकारी सहायता से पुनः परीक्षा।

7. एनटीए को भंग कर जांच सीबीआई को सौंपना.

8. NEET-UG परीक्षाओं का राज्य-स्तरीय आयोजन।

9. उत्तराखंड में एनटीए द्वारा आयोजित सभी भर्ती परीक्षाओं की निष्पक्ष जांच।

10.दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता और सुरक्षा के उपाय।

11. भविष्य में लीक को रोकने के लिए व्हिसलब्लोअर सुरक्षा और नियमित ऑडिट।

12. पेपर लीक के नकारात्मक प्रभाव के बारे में छात्रों और जनता को शिक्षित करने के लिए जन जागरूकता अभियान।

13. प्रभावित छात्रों के लिए परामर्श और सहायता सेवाएँ।

14. पेपर लीक को रोकने के लिए रणनीति विकसित करने हेतु हितधारकों के साथ सहयोग।

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