
विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का सबसे चर्चित और पसंदीदा ढिकाला पर्यटन जोन आखिरकार आज 15 नवंबर से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। मानसून के बाद जैसे ही ढिकाला गेट खुला, पार्क में रौनक लौट आई।
सुबह 6 बजे धनगढ़ी गेट पर कॉर्बेट प्रशासन के अधिकारियों ने पर्यटकों का फूल-मालाओं से स्वागत किया। इसके बाद वन अधिकारियों ने पहली सफारी पर रवाना होने वाले पर्यटक वाहनों को हरी झंडी दिखाकर ढिकाला जोन में प्रवेश कराया।
हर साल की तरह इस बार भी ढिकाला जोन 15 जून से मानसून के दौरान बंद रहता है। इस दौरान जंगल में नदियाँ उफान पर रहती हैं और सड़कें खराब होने का खतरा रहता है। जैसे ही बारिश खत्म होती है, 15 नवंबर को ढिकाला जोन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए फिर से खुल जाता है।
ढिकाला जोन को खास इसलिए माना जाता है क्योंकि यहां पर्यटक डे विजिट कैंटर सफारी का आनंद ले सकते हैं, साथ ही जंगल के बीच बने गेस्ट हाउस में नाइट स्टे की सुविधा भी उपलब्ध है। यही कारण है कि यह जोन कॉर्बेट का सबसे रोमांचक और लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन चुका है।
पहले दिन ही दिखा जबरदस्त उत्साह। ढिकाला खुलते ही देश और विदेश से आए पर्यटकों में भारी उमंग देखने को मिली। धनगढ़ी गेट पर सुबह से ही वाहनों की लंबी लाइन लगी थी। जैसे ही गेट खुला, पर्यटक ख़ुशी से झूम उठे।
कई पर्यटकों ने बताया कि उन्होंने महीनों पहले ऑनलाइन बुकिंग कर रखी थी ताकि ढिकाला में एक रात रुकने का अनुभव ले सकें। उनका सबसे बड़ा सपना है कि वे बंगाल टाइगर, हाथियों के झुंड, हिरण, गुलदार, जंगली सूअर, मगरमच्छ और दुर्लभ पक्षियों को उनके प्राकृतिक आवास में देखें।
कुछ पर्यटकों ने कहा कि कॉर्बेट का ढिकाला जोन दुनिया के टॉप फॉरेस्ट सफारी स्पॉट्स में से एक है। घना जंगल, रामगंगा नदी और वन्य जीवों की विविधता इसे बेहद रोमांचक बनाती है।
ऑनलाइन बुकिंग फुल, नाइट स्टे दिसंबर तक पैक: ढिकाला जोन की लोकप्रियता का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि 31 दिसंबर तक सभी कमरे और नाइट स्टे पूरी तरह बुक हो चुके हैं। वन विभाग के अनुसार ढिकाला में कुल 41 कमरे उपलब्ध हैं।







