उत्तराखंड राज्य की पांचों लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान के बाद अब निकाय चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई

उत्तराखंड राज्य की पांचों लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान की प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है। अब निकाय चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। हाल ही में मतदाता सूची जारी होने के बाद ही राजनीतिक पार्टियां लगातार सवाल उठा रही हैं। उनका आरोप है कि मतदाता सूची में तमाम मतदाताओं के नाम नहीं हैं।

उनका आरोप है कि कई नेताओं के भी नाम इस मतदाता सूची में नहीं हैं, जो निकाय चुनाव लड़ना चाहते हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग के संयुक्त सचिव राहुल कुमार गोयल ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी कर मतदाता सूचियों में कई मतदाताओं के नाम न होने और अन्य गलतियों को सुधारने के निर्देश दिए हैं।

राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी किए गए आदेश के अनुसार नगर निगम देहरादून के वार्डों की मतदाता सूची बनाते समय बीएलओ की ओर से वार्डों की सीमाओं व स्वरूप का संज्ञान नहीं लिया गया और लापरवाही से मतदाता सूची तैयार की गई है. जिसके कारण मतदाता सूचियों में भारी कमियां पाई गई हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश नगर निकाय (निर्वाचक नामावली का तैयार किया जाना और पुनरीक्षण) पूरक उपबंध आदेश 1999 के तहत निर्वाचक नामावली में सुधार किया जाए। इसके लिए सभी जिलों के निकायों के प्रत्येक वार्ड में 7 दिन के लिए विशेष शिविर लगाए जाएंगे। इन शिविरों में मतदाता सूचियां में मतदाताओं के नाम जोड़ने के साथ ही अन्य गलतियों को ठीक किया जाएगा और अगले 15 दिन के भीतर आयोग को इसकी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।

दरअसल, निकाय चुनाव के दृष्टिगत जारी की गई निर्वाचक नामावली में न सिर्फ तमाम मतदाताओं के नाम कटे हैं, बल्कि अन्य तमाम कमियां भी निर्वाचक नामावली में देखने को मिली हैं। जिसके चलते प्रदेश की दोनों मुख्य पार्टियां भाजपा और कांग्रेस लगातार इस मामले पर सवाल उठाती नजर आ रही हैं। भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल 29 अप्रैल को राज्य निर्वाचन आयोग के संयुक्त सचिव राहुल कुमार गोयल से मुलाकात कर ज्ञापन सौंप चुका है। इसी के साथ रायपुर विधानसभा सीट से विधायक उमेश शर्मा को ने भी शिकायती पत्र राज्य निर्वाचन आयोग को भेजा था. लिहाजा राज्य निर्वाचन आयोग ने इन दोनों पत्रों का संज्ञान लेते हुए देहरादून जिलाधिकारी समेत सभी जिलाधिकारियों को इन कमियों को दूर करने के निर्देश दिए हैं।

इसके साथ ही देहरादून के पूर्व मेयर सुनील उनियाल गामा के पत्र का संज्ञान लेते हुए संयुक्त सचिव राहुल कुमार गोयल ने देहरादून जिला निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि देहरादून नगर निगम के सभी 100 वार्डों के अंतर्गत तमाम मोहल्ले की मतदाता सूची में मतदाताओं के नाम शामिल नहीं हैं। ऐसे में यदि किसी नामावली में बहुत से निर्वाचकों के नाम छूट जाने की शिकायत मिलती है तो जिला मजिस्ट्रेट, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के जरिए जांच कराएंगे। यदि नामावली की शिकायत सही पाई जाती है तो निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी अपनी जांच रिपोर्ट और संस्तुति जिला अधिकारी के माध्यम से आयोग को भेजेंगे। ऐसे में अगर आयोग आदेश दे तो नियमावली में ऐसे निर्वाचकों के नाम को सम्मिलित किया जाएगा।

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