उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग ने देहरादून में एक नर्सिंग होम के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। राजधानी में एक महिला के पेट में ऑपरेशन के दौरान पट्टी (गॉज़) छोड़े जाने के गंभीर आरोप सामने आने के बाद विभाग ने जांच शुरू कर दी है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉक्टर मनोज शर्मा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई गई है। इस समिति में एसीएमओ डॉ. प्रदीप राणा, कोरोनेशन अस्पताल के सर्जन डॉ. आर.के. टम्टा और वरिष्ठ गायनोकोलॉजिस्ट डॉ. मेघना असवाल शामिल हैं। समिति ने शुक्रवार से मामले की जांच शुरू कर दी है, और रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सीएमओ डॉक्टर मनोज शर्मा ने बताया कि दीपावली के दिन शिकायत मिली थी कि आराघर के पास स्थित एक नर्सिंग होम के बाहर कुछ लोग एक महिला का शव रखकर हंगामा कर रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसीएमओ को मौके पर भेजा गया। जांच में पता चला कि जनवरी माह में इसी नर्सिंग होम में डॉक्टर ने ज्योति नाम की महिला का सिजेरियन ऑपरेशन किया था।
कुछ महीनों बाद अक्टूबर में महिला की तबीयत बिगड़ गई और वह फिर उसी नर्सिंग होम में इलाज के लिए गई। डॉक्टर ने कुछ जांचें करवाकर उसे एक बड़े अस्पताल में रेफर कर दिया, जहां उसका ऑपरेशन हुआ, लेकिन दो दिन बाद उसकी मौत हो गई। महिला के पति का आरोप है कि बड़े अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने उसकी पत्नी के पेट से पट्टी (गॉज़) निकाली, जो संभवतः जनवरी में हुए ऑपरेशन के समय पेट में रह गई थी।
जन आक्रोश और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने नर्सिंग होम का लाइसेंस फिलहाल निरस्त कर दिया है। जांच समिति की रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।






