ऋषिकेश, 7 अगस्त। एम्स ऋषिकेश में फैमिली मेडिसिन ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया , जिसमें देश के प्रतिष्ठित 11 एम्स के संकाय सदस्यों ने प्रतिभाग किया। देशभर से जुटे विशेषज्ञों ने भारत में स्वास्थ्य व्यस्वस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने हेतु विचार मंथन किया गया।
मुख्य अतिथि नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद के पॉल ने भारत में फैमिली मेडिसिन की बढ़ती आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि फैमिली मेडिसिन को सही कार्यरूप में अमल में लाने से वर्तमान स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत किया सकता है। साथ ही बताया कि फैमिली फिजिशियन एक ऐसा विशेषज्ञ होता है, जो कि चिकित्सा को सामाजिक व व्यवहारिक रूप से व्यक्ति व परिवार से जोड़कर रखता है, लिहाजा इन्ही फैमिली फिजिशियन की देश में सामुदायिक स्तर पर नितांत आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि सभी एम्स में एमडी, फैमिली फिजिशियन विभाग की शुरुआत की जा रही है, जिससे आमजनमानस को इसका समुचित स्वास्थ्य लाभ मिल सके। एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने बताया कि नीति आयोग के सदस्य प्रो. पॉल फैमिली मेडिसिन एवं प्राइमरी केयर को देश में स्थापित करने वाले अग्रणीय व्यक्तियों में से हैं और उन्होंने एम्स ऋषिकेश में भी फैमिली मेडिसिन और प्राइमरी केयर स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रूप से संचालित कराने में अपेक्षित सहयोग का भरोसा दिलाया है । संस्थान की डीन अकादमिक प्रो. जया चतुर्वेदी और संकायाध्यक्ष ( हिमालयन इंस्टीट्यूट ) प्रो. अशोक कुमार देवरारी ने फैमिली मेडिसिन एवं फैमिली फिजिशियन को देश की स्वास्थ्य सेवा हेतु महत्वपूर्ण बताया, उन्होंने कहा कि देश की स्वास्थ्य सुविधाओं में यह चुनौतीपूर्ण है, लेकिन असंभव नहीं। एएफपीआई के अध्यक्ष रमन कुमार ने कहा कि फैमिली फिजिशियन की आज देश- समाज में मूलभूत आवश्यकता महसूस की जा रही है। कहा कि स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं व वर्तमान भागदौड़ भरी जिंदगी में हरेक परिवार के लिए फैमिली फिजिशियन की महत्वपूर्ण भूमिका हो गई है। आयोजक सचिव एवं सीएफएम विभाग के अपर आचार्य डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य सेवा से जुड़े इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में देश के विभिन्न 11 एम्स संस्थानों के संकाय सदस्यों ने हिस्सा लिया व प्राइमरी केयर विषय पर गहन मंथन किया। उन्होंने बताया कि एम्स संस्थान उत्तराखंड के फैमिली फिजिशियनंस को प्रशिक्षित करने के लिए हमेशा तैयार है। मौके पर एम्स अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर संजीव कुमार मित्तल, जनरल मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो. रविकान्त, सीएफएम विभाग की प्रो. सुरेख किशोर, गैस्ट्रोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. रोहित गुप्ता, सीएफएम विभाग के डॉ. महेंद्र सिंह गहलौत, जूनियर रेजिडेंट्स आदि ने प्रतिभाग किया।