केदारघाटी में एक सप्ताह से रुक-रुक कर हो रही भारी बारिश ने यात्रा मार्ग को कई जगह बाधित किया

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग ज़िले में जारी मूसलाधार बारिश का असर केदारनाथ यात्रा पर साफ तौर पर देखने को मिल रहा है। केदारघाटी में एक सप्ताह से रुक-रुक कर हो रही भारी बारिश ने यात्रा मार्ग को कई जगह बाधित कर दिया है। नतीजतन, यात्रियों की संख्या में भी गिरावट आई है। जहां पहले प्रतिदिन 24 से 25 हजार श्रद्धालु केदारनाथ धाम पहुंच रहे थे, अब यह संख्या घटकर लगभग 16 हजार रह गई है।

बारिश के चलते हेली सेवाएं भी अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं, जिससे श्रद्धालुओं को अब केवल सड़क और पैदल मार्ग से ही यात्रा करनी पड़ रही है। वहीं, सोनप्रयाग-गौरीकुंड मार्ग पर मुनकटिया के पास लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण राजमार्ग बार-बार बाधित हो रहा है। इसके चलते यात्रियों को 6 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है और उन्हें कुल 24 किमी पैदल चलकर केदारनाथ धाम तक पहुंचना पड़ रहा है।

गौरीकुंड से केदारनाथ तक के 19 किमी लंबे पैदल मार्ग पर भी जगह-जगह लैंडस्लाइड हो रहे हैं, जिससे श्रद्धालुओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर लिंचोली और जंगलचट्टी जैसे क्षेत्रों में पहाड़ियों से गिरते पत्थर और मलबा जान के लिए खतरा बने हुए हैं।

पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रहलाद कोंडे ने जानकारी दी कि लिंचोली के पास आए मलबे को हटाने का कार्य PWD द्वारा जारी है। उन्होंने बताया कि सभी एजेंसियां सतर्क हैं और श्रद्धालुओं की सुरक्षा प्राथमिकता है।

हालांकि मुश्किलें बढ़ने के बावजूद श्रद्धालुओं के हौसले बुलंद हैं। बारिश, अतिरिक्त दूरी और कठिन रास्तों के बावजूद भक्तों में केदारनाथ धाम तक पहुंचने का उत्साह कम नहीं हुआ है।

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