*रिलायंस ज्वैलरी शोरूम प्रकरण में पुलिस की जांच में संधिक्त गैंग की मोडस ऑपरेंडी आयी सामने*

गैंग द्वारा बिहार तथा पश्चिम बंगाल की जेल में बंद नए लड़कों को लूट की घटना के लिए किया जाता था हायर*

*रिलायंस ज्वैलरी शोरूम प्रकरण

*प्रत्येक टॉस्क के लिए 5 से 10 लाख रुपए की एडवांस में की जाती थी पेमेंट*

*गैंग लीडर द्वारा हर घटना के लिए अलग-अलग लड़कों का किया जाता था इस्तेमाल, गैंग के सदस्यों की एक- दूसरे से नहीं रहती थी कोई पहचान*

*घटना के लिए वाहनों, मोबाइल तथा हथियारों का गैंग लीडर द्वारा ही किया जाता था इंतेजाम*

*घटना के समय गैंग के सदस्य केवल गैंग लीडर से ही रखते थे संपर्क*

*लूटी गई ज्वैलरी की लिखा पड़ी में जानकारी करने तथा डॉक्यूमेंट वेरीफाई करने के बाद आंकी गई अनुमानित कीमत लगभग 14 करोड रुपए*

देहरादून  रिलायंस ज्वैलरी शोरूम लूट प्रकरण में पुलिस की अब तक कि जांच प्रकाश में आया है कि बिहार तथा पश्चिम बंगाल की जेल में विभिन्न अपराधों में बंद नए लड़कों को गैंग लीडर द्वारा चिह्नित कर उन्हें पेमेंट बेस पर हायर किया जाता है। गैंग के सदस्य एक दूसरे को नहीं जानते हैं तथा हर टॉस्क के लिए उन्हें 5 से 10 लाख रुपए की पेमेंट एडवांस में गैंग लीडर द्वारा की जाती है। गैंग लीडर द्वारा हर घटना के लिए अलग-अलग लड़कों का इस्तेमाल किया जाता है तथा घटना को करने से पूर्व उन्हें हथियार, वाहन तथा मोबाइल गैंग लीडर द्वारा उपलब्ध कराए जाते हैं। घटना के समय गैंग के अन्य सदस्यों को आपस में कोई संपर्क नहीं रहता, वह केवल गैंग लीडर के संपर्क में रहते हैं।

रिलायंस ज्वेलरी शोरूम में लूटी गई ज्वैलरी की लिखा पड़ी में जानकारी करने तथा उपलब्ध कराए गए कागजों को वेरीफाई करने पर आभूषणों की कीमत 14 करोड़ रुपये होना ज्ञात हुआ है।

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