
भारतवर्ष ऋषि प्रधान एवं कृषि प्रधान देश है कृषि की उन्नत परंपरा और ऋषियों के त्याग के संदेश से ही भारत विश्व गुरु रहा है और यदि पुनः विश्व गुरु बनना है तो ऋषियों की विचारधारा को और भगवान कृष्ण की गीता के संदेश को विश्व में फैला कर ही भारत पुनः विश्व गुरु बन सकता है यह विचार आर्य समाज हल्द्वानी में चल रहे वेद प्रचार समारोह के समापन अवसर पर राजकीय महाविद्यालय बेतालघाट के प्राचार्य प्रोo विनय विद्यालंकार ने दिए, 12 अगस्त से प्रारंभ श्रावणी उपाकर्म एवं वेद प्रचार कार्यक्रम के यज्ञ की पूर्णाहुति के अवसर पर यज्ञ के ब्रह्मा प्रो विनय विद्यालंकार ने कहा कि चार वेद, एकादश उपनिषद, छः दर्शन, स्मृतियां , रामायण एवं योगेश्वर भगवान् श्रीकृष्ण जी के अमर उपदेश श्रीमद्भगवद्गीता के सन्देशों ने मानवता को जीवनदर्शन व समाजदर्शन दिया, जिसे विश्व
भर में महत्व मिला, विश्व के लोग चरित्र की शिक्षा लेने नालन्दा व तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालयों में आते थे, जिसका प्रमाण फाह्यान व हवेनत्सांग जैसे चीनी यात्रियों के ग्रंथों में भी मिलता है।
आज रविवार को छः दिन से चल रहे वेदप्रचार का समापन प्रातःकालीन यज्ञ के साथ हुआ, इस यज्ञ में नगर के दर्जनों दम्पतियों ने यजमान के रूप में प्रतिभाग किया,जिसमें-डॉ विनय खुल्लर-ममता खुल्लर, अविनाश सेठी-उपमा सेठी, अनुजकान्त खण्डेलवाल-चंद्रा खण्डेलवाल, डॉ अतुल राजपाल-डॉ गुंजन राजपाल, विशाल सिंघल-गरिमा सिंघल, रणजीत यादव-अनुराधा यादव, हरीशचन्द्र पन्त-सावित्री पन्त, एसपी अरोड़ा सपत्नीक, नरेन्द्र साहनी- सपत्नीक,अमित भारद्वाज सपत्नीक, इन्द्रमोहन सपत्नीक, सोबरन शर्मा- ढालकुमारी शर्मा, पी एल आर्य, हरिप्रसाद आर्य, नवीन आर्य, कृष्णकान्त-शारदा कांत,अरविन्द मलिक, मुकेश खन्ना, कैप्टन प्रकाश जोशी, ललित जोशी, यमुनादत्त बेलवाल आदि यजमान बने सभी ने वेदमन्त्रों से आहुतियां दीं। यज्ञ के पश्चात बिजनोर से आये आचार्य मोहित शास्त्री के सुमधुर भजनोपदेश हुए, जिसमें योगीराज भगवान श्रीकृष्ण जी को समर्पित व देश के अमर बलिदानियों को समर्पित गीतों ने भावविभोर कर दिया।
कार्यक्रम के अन्त में आर्यसमाज के प्रधान डॉ विनय खुल्लर ने बाहर से पधारे विद्वानों व भजनोपदेशक मोहित शास्त्री का धन्यवाद किया, साथ ही हल्द्वानी के उन सभी सम्भ्रान्त जनों व मातृशक्ति का हार्दिक आभार व्यक्त किया जिन्होंने प्रतिदिन कार्यक्रम में पधारकर कर्यक्रम को भव्यता प्रदान की। धन्यवाद के क्रम में आयोजन समिति के सभी सम्मानित सदस्यों का भी धन्यवाद किया। इस अवसर पर माता मनजीत वालिया, संगीता चड्ढा, सरिता ग्रोवर, राजकुमार राजोरिया, धर्माचार्य विनोद आर्य, सन्तोष भट्ट, कृष्णकान्त, उमेश तिवारी, ललित जोशी, कमलेश भारद्वाज, श्रीकान्त खण्डेलवाल, दुर्गादत्त त्रिपाठी, अरविन्द कुशवाह, सुनील विनायक आदि उपस्थित रहे।
