
lहल्द्वानी, 30 अगस्त, 2025 – देश के महानगरों से बाहर भी उन्नत चिकित्सा तकनीकों और जानकारी पहुंचाने की पहल के तहत दिल्ली से हल्द्वानी पहुंचे इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सर्जिकल ऑन्कोलॉजी और ऑर्थोपेडिक्स में परिवर्तनकारी प्रगति पर चर्चा की। अपोलो की यह पहल इसलिए है ताकि क्षेत्रीय स्तर पर डॉक्टर और मरीज दोनों चिकित्सा की नई जानकारियों से लाभान्वित हो सकें।
हल्द्वानी में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के क्लिनिकल लीड और वरिष्ठ सलाहकार डॉ. (प्रो.) एस.वी.एस. देव ने ऑन्कोलॉजी यानी कैंसर सर्जरी में नवीनतम नवाचारों पर चर्चा करते हुए बताया कि कैसे उन्नत सर्जिकल प्रोटोकॉल रोगी के जीवित रहने और दीर्घकालिक परिणामों में सुधार कर रहे हैं। इनके अलावा, घुटने और कूल्हे के आर्थ्रोप्लास्टी एवं रोबोटिक जोड़ प्रत्यारोपण सर्जरी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार एवं हड्डीरोग विशेषज्ञ डॉ. यतिंदर खरबंदा ने ऑर्थोपेडिक देखभाल को बदलने में रोबोट-सहायता प्राप्त तकनीकों और आर्थ्रोस्कोपी की भूमिका पर चर्चा की, जिससे रोगियों के लिए तेजी से रिकवरी और बेहतर गतिशीलता संभव हो सके।
इस अवसर पर नई दिल्ली स्थित इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के प्रबंध निदेशक श्री शिवकुमार पट्टाभिरामन ने कहा, “इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स में हम महानगरीय केंद्रों से परे उन्नत नैदानिक ज्ञान का विस्तार करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। इस विशेषज्ञता केंद्रित प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए हमारा उद्देश्य कैंसर और ऑर्थोपेडिक्स में नवाचारों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है क्योंकि ये दोनों ऐसे क्षेत्र हैं जिनका उत्तरजीविता, गतिशीलता और जीवन की गुणवत्ता पर सीधा प्रभाव पड़ता है। सटीक कैंसर सर्जरी और रोबोटिक जोड़ प्रत्यारोपण जैसी वास्तविक दुनिया की प्रथाओं को साझा करके हमारे विशेषज्ञ बाहरी चिकित्सकों को अपने मरीजों को वैश्विक स्तर पर मानकीकृत परिणाम प्रदान करने में मदद कर रहे हैं।”
कार्यक्रम में इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के क्लिनिकल लीड और वरिष्ठ सलाहकार डॉ. (प्रो.) एस.वी.एस. देव ने कहा, “सर्जिकल ऑन्कोलॉजी में हुई प्रगति ने कैंसर रोगियों के परिणामों में बड़ा सुधार किया है। सटीक तकनीकों, न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रियाओं और साक्ष्य-आधारित प्रोटोकॉल के साथ अब हम न केवल मरीजों की जीवन प्रत्याशा बढ़ा पा रहे हैं बल्कि उपचार के बाद उनके जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर बना पा रहे हैं। हमारा ध्यान यह सुनिश्चित करने पर केंद्रित है कि रोगियों को कम से कम आघात के साथ विश्वस्तरीय देखभाल मिले।”
इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स में घुटने और कूल्हे के आर्थ्रोप्लास्टी एवं रोबोटिक जोड़ प्रत्यारोपण सर्जरी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार एवं हड्डीरोग विशेषज्ञ डॉ. यतिंदर खरबंदा ने कहा, “बेहतर स्वास्थ्य सेवा को सुलभ बनाने की अपोलो की प्रतिबद्धता के अनुरूप, रोबोटिक सहायता प्राप्त सर्जरी हर प्रक्रिया में सटीकता, सुरक्षा और दक्षता लाकर ऑर्थोपेडिक देखभाल में बदलाव ला रही है। रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट इष्टतम इम्प्लांट संरेखण और स्थायित्व सुनिश्चित करता है जबकि न्यूनतम इनवेसिव आर्थ्रोस्कोपिक तकनीकें तेज रिकवरी, कम दर्द और बेहतर कार्यात्मक परिणाम प्रदान करती हैं। ये नवाचार केवल तकनीक के बारे में नहीं बल्कि रोगियों की गतिशीलता, स्वतंत्रता और जीवन की गुणवत्ता को पहले से कहीं अधिक तेजी से बहाल करने के बारे में हैं। इंद्रप्रस्थ अपोलो में हमें इस तरह की विश्व स्तरीय ऑर्थोपेडिक प्रगति को महानगरों से परे समुदायों के करीब लाने पर गर्व है।”
विशेषज्ञों ने कहा कि यह कार्यक्रम नैदानिक संवाद के लिए एक उच्च प्रभावी मंच के रूप में कार्य करेगा जिसने विभिन्न विशेषज्ञताओं के बीच सीखने और साक्ष्य-आधारित अभ्यास साझा करने को प्रोत्साहित किया। इसने इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के कैंसर और ऑर्थोपेडिक्स जैसे उन्नत, उच्च-प्रभावी उपचार क्षेत्रों में अग्रणी रहने के मिशन को मजबूत किया है। साथ ही अपोलो हॉस्पिटल्स समूह के व्यापक दृष्टिकोण का समर्थन किया जो स्वास्थ्य सेवा उत्कृष्टता में वैश्विक मानक स्थापित करना जारी रखे हुए है।
