
हल्द्वानी
मुख्यमंत्री जी के “ड्रग्स फ्री उत्तराखण्ड” के विजन को आगे बढ़ाते हुए कुमायूँ परिक्षेत्र की पुलिस ने नशा माफियाओं पर नकेल कसने के लिए बड़ा कदम उठाया है। आईजी कुमायूँ श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल की पहल पर क्षेत्र में सक्रिय लगभग 215 आदतन नशा तस्करों, जिन पर 2 या उससे अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। इसके लिए हर संदिग्ध पर एक-एक उपनिरीक्षक व अपर उपनिरीक्षक को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
नशे के खिलाफ जंग में नई रणनीति
ज्ञातव्य है कि आधुनिक समाज में युवाओं के बीच मादक पदार्थों का प्रचलन आज एक भयावह चुनौती के रूप में सामने खड़ा है। नशे का जाल इतना गहरा होता जा रहा है कि अब यह केवल युवाओं तक सीमित नहीं रहा, बल्कि किशोरावस्था के बच्चों से लेकर वयस्कों तक को अपनी गिरफ्त में ले चुका है। यह प्रवृत्ति न केवल उनके स्वास्थ्य और भविष्य को अंधकारमय बना रही है, बल्कि परिवार और समाज की नींव को भी हिला रही है। नशे की आसान उपलब्धता और तस्करों की संगठित गतिविधियाँ इस समस्या को और विकराल रूप दे रही हैं।
ऐसे कठिन समय में कुमायूँ पुलिस ने ठान लिया है कि नशा कारोबारियों को अब चैन से सांस नहीं लेने दिया जाएगा। उनकी हर गतिविधि पर गुप्त और सघन निगरानी रखी जाएगी तथा योजनाबद्ध तरीके से उन्हें कानून के शिकंजे में कसते हुए कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। यह केवल एक कानून-व्यवस्था का कदम नहीं है, बल्कि समाज को नशे के चंगुल से मुक्त कराने और आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित भविष्य देने का संकल्प है।
*आईजी का सख्त संदेश*
*आईजी रिद्धिम अग्रवाल ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि—*
*1. प्रत्येक संदिग्ध की आजीविका और गतिविधियों की गहन जांच*
सभी नामित उपनिरीक्षक एवं अपर उपनिरीक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके जिम्मे लगाए गए संदिग्धों की वर्तमान आजीविका, रहन-सहन और रोज़मर्रा की गतिविधियों की गहन जांच की जाए। यह भी देखा जाएगा कि संदिग्ध अथवा उसके परिजनों का जीवन स्तर उनकी आय के ज्ञात स्रोतों के अनुरूप है अथवा नहीं। यदि किसी भी प्रकार की असमानता या संदिग्ध गतिविधियों के संकेत मिलते हैं तो उसकी तत्काल तस्दीक कर उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाए।
*2.नशा तस्करी में संलिप्त पाए जाने पर कठोरतम कार्रवाई*
यदि निगरानी के दौरान यह प्रमाणित होता है कि कोई संदिग्ध पुनः नशे की तस्करी अथवा बिक्री में संलिप्त है, तो उसके विरुद्ध NDPS Act, PITNDPS Act और Gangsters Act के तहत योजनाबद्ध एवं कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नशा कारोबारियों को किसी भी सूरत में कानून से छूट न मिल पाए और समाज पर उनका दुष्प्रभाव समाप्त किया जा सके।
*3.नियमित समीक्षा और जवाबदेही की व्यवस्था*
सुनियोजित निगरानी और कार्रवाई को प्रभावी बनाने हेतु क्षेत्राधिकारी प्रतिदिन की प्रगति का अवलोकन कर अधीनस्थ कार्मिकों का मार्गदर्शन करेंगे। वहीं, अपर पुलिस अधीक्षक स्तर पर प्रत्येक सप्ताह समीक्षा कर कार्यों की प्रगति का मूल्यांकन करेंगे। यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि निगरानी कार्यवाही केवल कागजों तक सीमित न रहे, बल्कि वास्तविक धरातल पर परिणाम भी दिखाए।
रिपोर्टिंग व्यवस्था भी कड़ी
आईजी ने निर्देशित किया है कि नामित उपनिरीक्षक/अपर उपनिरीक्षक और एण्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स की संयुक्त कार्रवाई की व्यक्तिगत पाक्षिक समीक्षा की जाएगी। साथ ही, हर माह की 10 तारीख तक विस्तृत रिपोर्ट आईजी कार्यालय में उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।
