मुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा से जुड़ा लोकसभा चुनाव

खटीमा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए वर्तमान लोकसभा चुनाव उनके राजनीतिक भविष्य व प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ एक सवाल बन चुका है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री धामी चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले ही जनसंपर्क अभियान में जुट गए थे। चुनाव प्रचार के अंतिम चरणों तक वह व्यस्त रहे वहीं कल होने वाले मतदान से पूर्व बूथ मैनेजमेंट लेवल की वर्चुअली समीक्षा बैठक ली और यह जायजा लिया की बूथों पर व्यवस्था कितनी चुस्त दुरस्त है।
सीएम धामी द्वारा इन पांच लोकसभा सीटों के लिए पहले से ही रोड शो करने शुरू कर दिए गए थे जब वह योजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रमों में लगे हुए थे। बीते कल तक धामी राज्य के सभी 13 जिलों और 70 विधानसभा सीटों पर लगभग 70 के आसपास ही रोड शो, जनसंपर्क या फिर जनसभाएं कर चुके है। अगर लोकसभा सीटों के हिसाब से देखें तो यह 14 कार्यक्रम औसतन पर सीट बैठता है। उन्होने अपना सबसे ज्यादा समय पौड़ी गढ़वाल सीट को दिया है जहां से अनिल बलूनी भाजपा प्रत्याशी हैं। विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने पुष्कर सिंह धामी पर अपना भरोसा जताते हुए उन्हें फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया था, शायद केंद्रीय नेतृत्व की इसी कृपा का ऋण वह पार्टी के लिए कुछ खास करके चुकाना चाहते हैं। यही कारण है कि उन्होंने इस चुनाव की पूरी कमान खुद संभाल रखी है और वह मतगणना का परिणाम आने तक चुनावी कामों में ही व्यस्त रहेंगे। कल भले ही उत्तराखंड का चुनाव निपट जाए पार्टी के स्टार प्रचारक की सूची में शामिल होने के कारण उन्हें सातवें चरण के मतदान तक फुर्सत नहीं मिलने वाली है देखना होगा कि उनकी मेहनत कितना रंग लाती है। अगर उत्तराखंड में भाजपा सभी पांच सीटें जीतकर हैट्रिक लगाती है तो धामी का राजनीतिक कद केंद्रीय राजनीति में भी बढ़ना तय है।

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