देहरादून, 11 जनवरी। डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने जानकारी देते हुये बताया की प्रयागराज में आस्था का महाकुंभ 2025 पौष पूर्णिमा के दिन यानी 13 जनवरी 2025 से प्रारंभ होगा और 26 फरवरी 2025 को समाप्त होगा जो 44 दिनों तक चलेगा।। महाकुंभ मेला हर 12 साल में एक बार होता है। महाकुंभ में दुनिया भर के संत-साधु व भक्त आस्था की डुबकी लगाते हैं। महाकुंभ भारत का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जो हर 12 साल में चार पवित्र स्थानों प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में आयोजित होता है। महाकुंभ मेला, जो राक्षसों पर देवताओं की जीत का प्रतीक है, 12 साल के आयोजन के रूप में आयोजित किया जाएगा। यह हर 12 साल में आयोजित किया जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि देवताओं और राक्षसों के बीच अमृत के लिए लड़ाई 12 साल तक चली थी।
महाकुंभ 2025 मेला चार अलग-अलग स्थानों पर आयोजित किया जाएगा-
हरिद्वार – हरिद्वार में मेला उस अवसर पर आयोजित होता है जब सूर्य मेष राशि में और बृहस्पति कुंभ राशि में होता है।
प्रयागराज – प्रयागराज में मेला उस अवसर पर आयोजित होता है जब सूर्य मकर राशि में होता है।
नासिक – नासिक में महाकुंभ मेला उस अवसर पर आयोजित किया जाता है जब सूर्य और बृहस्पति एक निश्चित स्थिति में होते हैं।
उज्जैन – उज्जैन में महाकुंभ मेला उस अवसर पर आयोजित होता है जब सूर्य मेष राशि में और बृहस्पति सिंह राशि में होता है।
महाकुंभ 2025 को लेकर तीन शाही स्नान तिथि है महत्वपूर्ण
14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन पहला प्रमुख शाही स्नान
29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन दूसरा प्रमुख शाही स्नान
बसंत पंचमी के मौके पर 3 फरवरी के शाही स्नान