सैन्य अस्पताल ने किया इंटरकमांड सतत चिकित्सा शिक्षा सम्मेलन का आयोजन

देहरादून। भोले बाबा आयुर्वेदिक अस्पताल और अनुसंधान केंद्र, चिलियानौला और क्षेत्रीय आयुर्वेदिक के सहयोग से सैन्य अस्पताल रानीखेत द्वारा आयोजित “योग और एकीकृत चिकित्सा के साथ समग्र देखभाल” विषय पर इंटरकमांड सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) सम्मेलन का पहला दिन उत्साही भागीदारी के साथ शुरू हुआ। इस आयोजन का उद्देश्य योग और आयुर्वेद जैसी पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को मुख्यधारा की स्वास्थ्य देखभाल में एकीकृत करना है। दिन की शुरुआत सुबह 6:30 बजे उज्जवल पाराशर के नेतृत्व में योग और ध्यान सत्र के साथ हुई, जिसमें मन-शरीर के सामंजस्य के लाभों पर प्रकाश डाला गया। उद्घाटन समारोह से पहले प्रतिभागियों ने ताज़ा हर्बल चाय का आनंद लिया। समारोह में मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह, एवीएसएम, वीएसएम, पीएचएस, डीजीएएफएमएस, वरिष्ठ कर्नल कमांडेंट (एएमसी) उपस्थित थे, जिन्होंने औपचारिक दीप प्रज्वलित किया और सरस्वती वंदना प्रस्तुति देखी। इस कार्यक्रम में एक सीडी का अनावरण भी शामिल था जिसमें समग्र देखभाल, पारंपरिक प्रथाओं और आधुनिक चिकित्सा के बीच बहुमूल्य अंतर्दृष्टि शामिल थी। मेजर जनरल योगिंदर सिंह, एमजी (मेड), यूबी एरिया ने स्वागत भाषण दिया, जिसके बाद लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह ने आयुर्वेद और योग को मुख्यधारा की देखभाल में एकीकृत करने पर मुख्य भाषण दिया। डॉ. लाल पैथलैब्स के प्रबंध निदेशक, पद्मश्री डॉ. (ब्रिगेडियर) अरविंद लाल ने आयुर्वेद, योग और आधुनिक चिकित्सा के बीच तालमेल पर बात की। आगे के सत्रों में मानसिक कल्याण पर लेफ्टिनेंट कर्नल विशाल चोपड़ा, आयुर्वेदिक औषधीय पौधों की खेती पर डॉ. गजेंद्र राव और जोंक चिकित्सा पर चिकित्सीय प्रासंगिकता पर डॉ. हरित कुमारी शामिल थे। डॉ. तरूण कुमार ने न्यूरोलॉजिकल और मस्कुलोस्केलेटल विकारों के लिए पंचकर्म पर अंतर्दृष्टि प्रदान की। दोपहर में डॉ. एस मिश्रा के मार्गदर्शन में भोले बाबा आयुर्वेदिक अस्पताल के पंचकर्म विभाग के कर्मचारियों द्वारा मर्म मालिश, नासायम और अक्षितर्पणम का व्यावहारिक प्रदर्शन किया गया। सीएमई का पहला दिन ज्ञानवर्धक साबित हुआ, जिससे प्रतिभागियों को समग्र देखभाल पर व्यावहारिक और सैद्धांतिक ज्ञान प्राप्त हुआ। जैसे-जैसे सम्मेलन जारी है, उपस्थित लोग आगे के समृद्ध सत्रों की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

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