मानसून सत्र : तीन दिनों में महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होना संभव नहीं गैरसैंण में तीन दिवसीय सत्र चलना सरकार की उदासीनता: भुवन चंद्र कापड़ी।

देहरादून, 03 अगस्त। उप नेता सदन विधायक खटीमा भुवन चंद्र कापड़ी ने मीडिया कर्मियों से वार्ता करते हुये कहा की तीन दिनों में राज्य के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा होना एवं विपक्ष द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होना संभव नहीं है। सरकार जनता के प्रति जवाब देह से बचने का काम कर रहीं है। मानसून सत्र को तीन दिवस तक चलना है जब विधानसभा नियमावली में स्पष्ट रूप से लिखा हुआ कि सरकार को एक वर्ष में 60 दिनों तक सत्र चलाना चाहिये,जिससे महत्वपूर्ण विषयों में चर्चा हो सके,जनहित के मुद्दों पर चर्चा हो,परन्तु सरकार के ये हाल है वो पाँच वर्ष में भी 60 दिन सत्र आहूत नहीं कर पा रही है ,जिससे सरकार की मंशा पर प्रश्न चिन्ह खड़ा होता है। सरकार बजट सत्र को भी तीन दिनों में ही समाप्त कर देती है,जबकि बजट सत्र अन्य राज्यों की तर्ज़ पर कम से कम तीन सप्ताह चलाना चाहिए क्यूकी बजट विभाग वार पेश किया जाता है। जनहित के मुद्दे पर्याप्त संख्या में विधानसभा पटल पर रखे जा सके परंतु बीजेपी सरकार इसको गंभीरता से नहीं ले रही है जबकि अन्य राज्यों में जिनकी भौगोलिक एवं राजनीतिक स्थिति स्पष्ट रूप से हमारे जैसी है उनमें विधानसभा सत्र तीन-तीन सप्ताह तक चलाए जाते हैं वर्तमान मानसून सत्र को भी 3 सप्ताह तक चलाया जाना चाहिए जिससे सभी लोकहित के विषयों पर चर्चा के लिए विधानसभा में पर्याप्त समय हो जिससे कोई भी जनहित का मुद्दा चर्चा से वंचित न रह जाए। परन्तु वर्तमान बीजेपी सरकार पूर्ण रूप से खनन माफिया अफसर शाही एवं भ्रष्टाचारियों के हाथों में खेल रही है आज राज्य में बेरोजगारी चरम पर पहुंच गई है प्रतिदिन एक नया घोटाला जनता के सामने आता है सरकार को इन सब गंभीर विषय पर चर्चा के लिए कम से कम गैरसरण में 3 सप्ताह का मानसून सत्र चलाना चाहिए जिससे इस राज्य को बनाने के लिए जो शहादत आंदोलनकारी द्वारा दी गई है उनके सपनों का उत्तराखंड बनाया जा सके ना कि सरकार के द्वारा मात्र गैरसैंण में तीन दिवसीय मानसून सत्र चलाकर प्रदेश की जनता को गैरसैंण के नाम पर मूर्ख बनाने का काम किया जाए।

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