देहरादून में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आयुष्मान और राशन कार्ड बनाए जाने के खुलासे के बाद सरकार ने सख्त रुख अपना लिया है। खाद्य मंत्री रेखा आर्या ने विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि राशन कार्ड निर्माण प्रक्रिया में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मंत्री आर्या ने कहा कि जरूरत पड़ने पर ‘पात्र को हां, अपात्र को ना’ अभियान को दोबारा शुरू किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि पिछली बार इस विशेष अभियान के तहत करीब एक लाख फर्जी राशन कार्ड रद्द किए गए थे।
मंत्री ने चेतावनी दी कि फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना गंभीर अपराध है। ऐसे मामलों में संबंधित लाभार्थियों के साथ-साथ लापरवाह अधिकारियों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि अंत्योदय योजना, NFSA (नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट) और राज्य खाद्य सुरक्षा योजना में पात्रता की आय सीमा का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए:
अंत्योदय योजना: मासिक आय ₹4000 से अधिक नहीं
NFSA योजना: मासिक आय ₹15,000 से कम
राज्य खाद्य सुरक्षा योजना: वार्षिक आय ₹5 लाख से कम
मंत्री ने बताया कि विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि हर स्तर पर दस्तावेजों की जांच-पड़ताल को प्राथमिकता दी जाए और दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा न जाए। सरकार इस पूरे मामले में पारदर्शिता और सख्ती के साथ काम कर रही है और पात्र लोगों तक योजनाओं का लाभ पहुँचाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
