
देहरादून, 29 जुलाई। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने आज पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय बीरपुर, देहरादून में आयोजित नई शिक्षा नीति 2020 की पाँचवीं वर्षगांठ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मंत्री गणेश जोशी ने छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न कलाओं में तैयार किए गए रचनात्मक कार्यों का अवलोकन तथा उत्कृष्ट पीएम श्री विद्यालय बीरपुर के पट्टिका का अनावरण भी किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 ने 34 वर्ष पुरानी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 को प्रतिस्थापित कर भारत की शिक्षा प्रणाली में एक परिवर्तनकारी बदलाव की शुरुआत की है। मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि इससे पूर्व भारत में केवल दो शिक्षा नीतियां वर्ष 1968 और 1986 में लागू की गई थीं। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य छात्रों को 21वीं सदी की वैश्विक चुनौतियों के लिए तैयार करना है। इस नीति के तहत कक्षा 6 से ही व्यावसायिक शिक्षा की शुरुआत की जाएगी, जिससे छात्र विभिन्न ट्रेडों, कौशलों और उद्यमिता के लिए तैयार होंगे। उन्होंने कहा कि नीति में डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने और शिक्षण में तकनीकी समावेशन हेतु राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी मंच की स्थापना का भी प्रावधान किया गया है। यह नीति छात्रों के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास पर ज़ोर देती है और उनमें आलोचनात्मक सोच और रचनात्मकता को बढ़ावा देती है।
कैबिनेट मंत्री जोशी ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित यह नीति अगर पूर्ण रूप से लागू होती है, तो भारत जल्द ही वैश्विक ज्ञान केंद्र के रूप में उभरेगा और अग्रणी देशों की श्रेणी में शामिल होगा। इस दौरान कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने बच्चों को जीवन में सफल होने के 05-डी के मूल मंत्र भी दिए और बच्चों को जीवन में आगे बढ़ने के लिए भी प्रेरित किया। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ खेलों का होना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ साथ नैतिक शिक्षा और चरित्र शिक्षा का होना भी बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आधुनिक बनना है तो विचारों में आधुनिक बने। उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि यह नीति भारत की शिक्षा प्रणाली में व्यापक बदलाव लाएगी।
इस अवसर पर अध्यक्ष वीएमसी कर्नल अतीत हेसन, प्रधानाचार्य बसंती खम्पा, उप प्रधानाचार्य अल्का थंड़ियाल, आरती उनियाल, डी. एस लखेड़ा, एनसीसी अधिकारी अनुज कुमार सहित छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
