नैनीताल पुलिस ने उत्तराखंड पुलिस के निर्देशन में “ऑपरेशन मुक्ति अभियान” का आयोजन किया है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य उन बच्चों को समाज से हटाना है जो भिक्षावृत्ति, कूड़ा बिनने, गुब्बारे बेचने आदि कार्यों में लिप्त हैं। अभियान के दो चरण हैं – पहले चरण में, बच्चों का सत्यापन किया जाएगा और उन्हें स्कूल में दाखिला कराया जाएगा। दूसरे चरण में, बच्चों को भिक्षा न देने के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
यह अभियान “भिक्षा नहीं शिक्षा दें” के स्लोगन के साथ चलाया जा रहा है, जिसका मतलब है कि समाज को शिक्षा के महत्व को समझाया जाए। इसके लिए, स्कूलों, कॉलेजों, सार्वजनिक स्थानों, धार्मिक स्थलों, सिनेमा हॉलों, बस और रेलवे स्टेशनों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
अभियान के माध्यम से, नैनीताल पुलिस की टीम ने पिछले वर्षों में 150 बच्चों को भिक्षा से बचाकर उन्हें स्कूल में प्रवेश दिलाया था। इस बार भी, उनका प्रयास बच्चों को शिक्षा के माध्यम से जोड़ने के लिए है। इसके अलावा, अभियान के तहत स्थानीय विभागों और एनजीओओं के साथ सहयोग किया जा रहा है ताकि बच्चों की सुरक्षा और पुनर्वास को सुनिश्चित किया जा सके।