हल्द्वानी। बनस्थली विद्यापीठ से डा. प्रीति पांडेय ने माइक्रोफाइनेंस के माध्यम से स्वयं सहायता समूह मॉडल द्वारा महिला सशक्तिकरण विषय पर पीएचडी पूरी कर ली है। उनके शोध का मुख्य उद्देश्य माइक्रोफाइनेंस की मदद से महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत और सामाजिक रूप से सशक्त करना है। डा. प्रीति पांडेय ने कुमाऊं क्षेत्र में स्वयं सहायता समूहों के साथ मिलकर काम किया, जहां उन्होंने माइक्रोफाइनेंस की सुविधाओं का उपयोग कर महिलाओं को संगठित किया और उन्हें वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद की। माइक्रोफाइनेंस के तहत छोटे-छोटे ऋणों ने महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए, जिससे वे अपने परिवारों की आर्थिक स्थिति सुधार करने के साथ ही समाज में भी अपनी पहचान स्थापित कर सकीं। मॉडल के माध्यम से डॉ. प्रीति ने महिलाओं को न केवल वित्तीय समर्थन दिया, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए व्यवसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रम भी चलाए। डा. पांडेय का यह शोध और उनके प्रयास महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हुए हैं। उनके इस काम को व्यापक स्तर पर सराहना मिल रही है और वे कुमाऊं क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण की प्रतीक बन चुकी हैं। उल्लेखनीय है कि डा. प्रीति पांडेय हल्द्वानी के वरिष्ठ फिजिशियन डा. नवीन चन्द्र पांडेय व रमा पांडेय की पुत्री हैं। इनकी बड़ी बहन डा. खुशबू व भाई डा. यश पांडेय भी फिजिशियन हैं।