
देहरादून में पुलिस ने एक कार लूट की वारदात का खुलासा करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों को रायपुर थाना क्षेत्र के घौड़ा फैक्ट्री बालावाला के पास गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने आरोपियों के पास से 315 बोर का देशी तमंचा, .32 बोर के पांच जिंदा कारतूस, 315 बोर के तीन जिंदा कारतूस, दो खुकरी और तीन मोबाइल बरामद किए। साथ ही लूटी हुई कार भी पुलिस ने बरामद कर ली। पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने लूटे गए कार का इस्तेमाल किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की योजना बनाई थी, लेकिन पुलिस ने समय रहते उन्हें गिरफ्तार कर उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। इस पूरे ऑपरेशन की मॉनिटरिंग खुद देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने की थी। पुलिस के मुताबिक, गाजियाबाद के निवासी इमरान अहमद ने 23 मार्च को रायपुर थाना में शिकायत दर्ज कराई थी। इमरान ने बताया कि वह शिव कुमार गुप्ता की टैक्सी स्विफ्ट डिजायर चलाता है। 22 मार्च को उसकी कार की बुकिंग UBER के जरिए हुई थी। वह दो सवारियों को पानीपत, हरियाणा से रायपुर, देहरादून लेकर आ रहा था। रायपुर पहुंचने पर, दोनों सवारियों ने उसे पिस्टल दिखाकर उसकी कार लूट ली और फरार हो गए। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए रायपुर थाना और एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) की टीमों का गठन किया। पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली और मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया। इसके बाद, 24 मार्च को मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने घौड़ा फैक्ट्री बालावाला के पास दीपक मालिक, रौनक गहलावत, विनय कुमार और धर्मवीर को गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान, दीपक और रौनक ने पुलिस को बताया कि धर्मवीर और विनय ने उन्हें एक बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए बुलाया था और पिस्टल लाने को कहा था। पुलिस के अनुसार, आरोपी लूटी गई कार से किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की योजना बना रहे थे, लेकिन पुलिस ने पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया। धर्मवीर और विनय ने पुलिस को बताया कि उनका देहरादून में ब्याज का कारोबार बहुत अच्छा चल रहा है और वे ब्याज पर 10-15 प्रतिशत मुनाफा आसानी से कमा रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके जानने वाले देवेन्द्र कुमार शर्मा उर्फ सोनू भारद्वाज और हरीश शर्मा उर्फ मोनू भारद्वाज भी इस कारोबार में मुनाफा कमा रहे थे। ये दोनों पहले रायपुर क्षेत्र में हुई हत्या की घटना में जेल जा चुके थे, जिनमें से एक वर्तमान में जमानत पर बाहर है।आरोपियों ने बताया कि उनका मकसद लूट में मिली धनराशि से देहरादून में ब्याज का कारोबार और बढ़ाना था, जिसके लिए उन्होंने हरियाणा से दो अन्य साथियों को बुलाया था और एक बड़ी लूट की योजना बनाई थी। पुलिस ने उनकी योजना को विफल करते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
