पुलिस, एसओजी और वन विभाग की संयुक्त टीम ने चरस और भालू की पित्त की तस्करी कर रहे एक तस्कर को गिरफ्तार किया

उत्तराखंड को “ड्रग फ्री देवभूमि” बनाने के अभियान को एक और बड़ी सफलता मिली है। पिथौरागढ़ जिले की धारचूला कोतवाली पुलिस, एसओजी और वन विभाग की संयुक्त टीम ने चरस और भालू की पित्त की तस्करी कर रहे एक तस्कर को गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से 2 किलो 300 ग्राम चरस और 175 ग्राम भालू की पित्त बरामद की गई है। अधिकारियों के अनुसार, बरामद पित्त की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 1 करोड़ रुपये आंकी गई है।

एसपी रेखा यादव के निर्देशन में चलाए जा रहे अभियान के तहत धारचूला क्षेत्र में सघन चेकिंग की जा रही थी। इसी दौरान गलाती पुल के पास एक संदिग्ध व्यक्ति को रोककर पूछताछ की गई, जिसने घबराहट में भागने की कोशिश की। संदेह गहराते ही पुलिस ने तत्काल उसे पकड़ लिया और उसकी तलाशी ली, जिसमें चरस और भालू की पित्त बरामद हुई।

गिरफ्तार आरोपी की पहचान सूर्य बहादुर बुढ़ाथोकी (निवासी- सर्मी गांव, डोल्पा, नेपाल) के रूप में हुई है। प्रारंभिक पूछताछ में उसने कबूला कि वह यह अवैध सामग्री बेचने के लिए पिथौरागढ़ ला रहा था।

पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट और वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत धारचूला कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया है। उसे न्यायालय में पेश किया जा रहा है।

इस संयुक्त ऑपरेशन में पुलिस, एसओजी और वन विभाग की टीमें शामिल थीं। पुलिस टीम का नेतृत्व वरिष्ठ उपनिरीक्षक अंबि राम आर्य कर रहे थे, जबकि एसओजी टीम में हेड कांस्टेबल अशोक बुदियाल और वन विभाग से वन दरोगा राम सिंह कुंवर सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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