वार्षिक ट्रांसफर के बाद सेटिंग से रुके पुलिसकर्मियों को हर हाल में पहाड़ चढ़ना होगा

आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने इस बाबत फरमान भी जारी कर दिया

देहरादून। वार्षिक ट्रांसफर के बाद सेटिंग से रुके पुलिसकर्मियों को हर हाल में पहाड़ चढ़ना होगा। यही नहीं पहाड़ पर भी अंडर ट्रांसफर रुके हुए कर्मचारियों को तैनाती जनपद में आना होगा। आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने इस बाबत फरमान भी जारी कर दिया है।

उन्होंने पुलिस कप्तानों को ऐसे पुलिसकर्मियों को तीन दिन के भीतर रिलीव करने के आदेश दिए हैं। जिस पुलिसकर्मी की कप्तान को वास्तव में जरूरत है तो उनके संबंध में वाजिब कारण बताते हुए आईजी कार्यालय को पत्र लिखना होगा। कारण वाजिब रहा तो कर्मचारी को रोका जाएगा।
आईजी ने आदेश जारी करते हुए कहा कि हर साल कांस्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर स्तर के कर्मचारियों और अधिकारियों को ट्रांसफर नियमावली के तहत ट्रांसफर किया जाता है। लेकिन, कर्मचारी विभिन्न कारणों को बताते हुए उसी जिले में रुके रहते हैं। कई को रिलीव भी नहीं किया जाता।

इसके अलावा बहुत से अधिकारी कर्मचारी कुछ कारण बताते हुए आईजी कार्यालय में खुद को रोके जाने की गुजारिश भी करते हैं। इनमें से कुछ को नियत समय के लिए विभिन्न कार्यालयों से अटैच कर दिया जाता है। लेकिन, अब ऐसा नहीं चलेगा। आईजी ने सभी अंडर ट्रांसफर कर्मचारियों और अधिकारियों को हर हाल में तीन दिन के भीतर रिलीव करने के आदेश दिए हैं।
इसकी जद में ऐसे कर्मचारी भी आएंगे जिनकी अभी अटैचमेंट अवधि पूरी भी नहीं हुई है। सभी को पहाड़ चढ़ना होगा और पहाड़ से मैदानी तैनाती जनपद में आना होगा। आईजी ने साफ किया कि यदि पुलिस कप्तान किसी कर्मचारी को उसकी पुलिसिंग आदि को आधार बताते हुए रोकना चाहते हैं तो उसके लिए वाजिब कारण बताते हुए पत्र लिखना होगा।
इस पर विचार के बाद ही अग्रिम आदेश दिए जाएंगे। बता दें कि ज्यादातर अंडर ट्रांसफर कर्मचारियों और अधिकारियों की पसंद दो मैदानी जिले हरिद्वार और देहरादून ही रहते हैं। ऐसे में कर्मचारी विभिन्न कारण बताते हुए खुद को अटैच कराने में कामयाब हो जाते हैं।

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