प्रधान को फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्र के मामले में पद से हटाया

हरिद्वार। उत्तराखंड के हरिद्वार जनपद अंतर्गत भगवानपुर विकासखंड की ग्राम पंचायत लामग्रन्ट की प्रधान श्रीमती परमजीत कौर को फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्र के मामले में पद से हटा दिया गया है। जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह ने उत्तराखंड पंचायतीराज अधिनियम, 2016 की धारा-138 के तहत यह कार्रवाई की है।इस मामले की शुरुआत वर्ष 2022 में पवन कुमार नामक व्यक्ति द्वारा की गई शिकायत से हुई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि श्रीमती कौर ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2022 के नामांकन पत्र के साथ फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था। शिकायत की जांच सहायक विकास अधिकारी (पंचायत), भगवानपुर के माध्यम से की गई। जांच के दौरान जिला विद्यालय निरीक्षक, सहारनपुर ने पुष्टि की कि श्रीमती कौर ने एचएवी इंटर कॉलेज, सहारनपुर में कभी प्रवेश नहीं लिया और न ही वहां अध्ययन किया। बाद में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जूनियर हाईस्कूल, सहारनपुर से जुड़ी कुछ टीसी और अन्य दस्तावेज़ों के सत्यापन में भी मूल अभिलेख उपलब्ध न होने के कारण प्रमाण पत्र की वैधता प्रमाणित नहीं हो सकी। श्रीमती कौर ने 12 अप्रैल 2023 को मिले अपदस्थ आदेश के विरुद्ध मुख्य विकास अधिकारी, हरिद्वार के समक्ष अपील दाखिल की थी, जिसे 31 मई 2024 को निरस्त कर दिया गया। श्रीमती कौर ने इस आदेश के खिलाफ उत्तराखंड उच्च न्यायालय, नैनीताल में रिट याचिका (संख्या 1819/एम/एस/2024) दायर की थी। न्यायालय ने 24 मार्च 2025 को पारित आदेश में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश तो दिया, लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि यदि उन्हें हटाने की प्रक्रिया कानूनन की जाती है, तो इस पर अंतरिम आदेश का कोई प्रभाव नहीं होगा। उपरोक्त तथ्यों और न्यायालय के निर्देशों के मद्देनज़र जिलाधिकारी हरिद्वार ने 11 अप्रैल 2025 को आदेश जारी करते हुए परमजीत कौर को ग्राम प्रधान पद से हटा दिया। यह आदेश उत्तराखंड उच्च न्यायालय में विचाराधीन रिट याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन रहेगा।

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