देहरादून, 02 अगस्त। उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित गुरू गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय बिथ्याणी में विज्ञान संकाय की मंजूरी दे दी है। राज्य सरकार ने महाविद्यालय में विज्ञान वर्ग की कक्षाओं के संचालन के लिये छह असिस्टेंट प्रोफेसर सहित कुल 14 पदों के सृजन की भी स्वीकृति प्रदान कर दी है। शासन स्तर से शीघ्र ही इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया जायेगा। बिथ्याणी में विज्ञान संकाय खुलने से अब बीएससी करने वाले छात्र-छात्राओं को निजी कॉलेज या फिर अन्य शहरों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी। सूबे के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार नई शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप प्रदेश में युवाओं को गुणवत्तापरक उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने हेतु सकारात्मक कदम बढ़ा रही है। इसी क्रम में राज्य सरकार ने उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित गुरू गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय बिथ्याणी में स्नातक स्तर पर विज्ञान संकाय की स्वीकृति प्रदान कर दी है। साथ ही महाविद्यालय में विज्ञान वर्ग की कक्षाओं के सुचारू संचालन हेतु छह असिस्टेंट प्रोफेसर तथा आठ अन्य पदों के सृजन की भी मंजूरी प्रदान कर दी है। जिसमें गणित, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जन्तु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान तथा कम्प्यूटर विज्ञान के एक-एक पद शामिल है, जबकि प्रयोगशाला सहायक एवं प्रयोगशाला परिचर के चार-चार पद शामिल है। जिसमें प्रयोगशाला सहायक एवं प्रयोगशाला परिचर के पदों को नियम मानदेय के आधार पर आउटसोर्स के माध्यम से भरा जायेगा। जिसका शासनादेश शीघ्र ही शासन स्तर से जारी कर दिया जायेगा। शासनादेश जारी होने के उपरांत महाविद्यालय में वर्तमान शैक्षणिक सत्र से बीएससी पीसीएम तथा बीएससी जेडबीसी में स्नातक प्रथम वर्ष की कक्षाओं का संचालन शुरू कर दिया जायेगा। डॉ. रावत ने बताया कि बिथ्याणी महाविद्यालय में विज्ञान संकाय खोलने की मांग लम्बे समय से क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि एवं स्थानीय जनता करती आ रही थी, जिसे पूरा कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में विज्ञान संकाय खुलने से दूरस्थ क्षेत्र में छात्र-छात्राओं को विज्ञान वर्ग के विषयों की बेहतर उच्च शिक्षा प्राप्त होगी, साथ ही स्थानीय युवाओं को बीएससी करने के लिये घर से दूर निजी कॉलेजों तथा ऋषिकेश या देहरादून जाने की आवश्यकता नहीं पडेगी। डॉ रावत ने बताया कि बिथ्याणी महाविद्यालय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नाथ जी के गुरु व नाथ सम्प्रदाय के शीर्ष योगी गुरु गोरखनाथ के नाम से संचालित है, जिसका संचालन पूर्व में प्रबंधन तंत्र द्वारा किया जा रहा था, बाद में महाविद्यालय का राजकीयकरण कर इसे राज्य सरकार के अधीन कर दिया गया है।
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