मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य के सीमान्त गांवों में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के साथ ही कौशल विकास, आजीविका प्रशिक्षण एवं मानव संसाधन विकास पर अधिकाधिक फोकस करने की हिदायत दी। उन्होंने सीमान्त जनपदों चमोली, उत्तरकाशी, उधमसिंह नगर, चम्पावत एव पिथौरागढ़ के जिलाधिकारियों को दी है। सीएस श्रीमती रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को स्पष्ट किया है कि भवन आदि इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण कार्यों के प्रस्ताव बनाकर मात्र औपचारिकताओं पूरा न समझे बल्कि प्रोजेक्ट्स के निरन्तर सफल संचालन तथा सस्टेनिबिलिटी हेतु कार्य करें।
उन्होंने जिलाधिकारियों को जनपदों में संचालित हर योजना के आउटकम मॉनिटरिंग की सख्त नसीहत भी दी। मुख्य सचिव ने महिला स्वयं सहायता समूहों हेतु संचालित सभी योजनाओं के तहत महिलाओं के लिए वित्तीय साक्षरता को अनिवार्य करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने बैंकों को भी पत्र लिखने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारियों को विभिन्न योजनाओं की डुप्लीकेसी के प्रति भी सतर्क किया गया। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि सभी योजनाओं को भलीभांति परीक्षण किया जाना चाहिए ताकि दो योजनाएं एक दूसरे को आच्छादित न करें। उन्होंने वाइब्रेंट विलेजस में आईटीबीपी तथा आर्मी द्वारा लोकल प्रिक्योरमेंट को अपनाया जाए, इस दिशा में प्रयास के भी निर्देश दिए हैं।
बैठक में सचिव श्रीमती राधिका झा, अपर सचिव श्री विजय कुमार जोगदण्डे, श्री मनुज गोयल, श्रीमती रंजना राजगुरू सहित ग्राम्य विकास विभाग, शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी तथा वर्चुअल माध्यम से सीमान्त जनपदों के जिलाधिकारी उपस्थित थे।