देहरादून। प्रदेश में 02 माह का ऑपरेशन स्माइल चलाया जा रहा है। इस अभियान में गुमशुदा बच्चों के साथ-साथ गुमशुदा पुरूषों व महिलाओं को भी तलाश किया जायेगा। मुख्यालय स्तर पर उक्त अभियान की नोडल अधिकारी श्रीमती कमलेश उपाध्याय, पुलिस अधीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड हैं। जनपदों में पुलिस उपाधीक्षक को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जनपद देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल व ऊधमसिंहनगर में 05-05 तलाशी टीम व शेष जनपदों में 01-01 तलाशी टीम (प्रत्येक टीम में उपनिरीक्षक-1, आरक्षी-4) का गठन किया गया है। प्रत्येक तलाशी टीम में गुमशुदा/बरामद बच्चों व महिलाओं से पूछताछ हेतु एक महिला पुलिस कर्मी भी अनिवार्य रूप से नियुक्त की गयी है। प्रत्येक टीमों की सहायता हेतु उपरोक्त तलाशी टीमों के अतिरिक्त 01-01 विधिक एवं टेक्निकल टीम का भी गठन की किया गया है। उक्त अभियान हेतु अन्य सम्बन्धित विभागों/संस्थाओं यथा सी0डब्लू0सी0, समाज कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, अभियोजन, श्रम विभाग, आश्रय गृह, एनजीओ एवं चाइल्ड हेल्प लाईन का सहयोग भी लिया जा रहा है। जनपद व अन्य राज्यों के ऐसे स्थान जहां गुमशुदाओं के मिलने की सम्भावना अधिक है, जैसे शेल्टर होम्स, नारी निकेतन, वृद्धाआश्रमम, संप्रेक्षण गृह, विशेष गृह, ढाबे, कारखाने, बस अड्डे, रेलवे स्टेशन, धार्मिक स्थान, आश्रम, धर्मशाला आदि में विशेष रूप से गुमशुदाओं को तलाश किया जायेगा। एपी अंशुमान अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था उत्तराखण्ड द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से समस्त वरिष्ठ/पुलिस अधीक्षक के साथ ऑपरेशन स्माइल की समीक्षा कर अभियान को सफल बनाये जाने हेतु निम्नदिशा-निर्देश निर्गत किये गये:- वर्ष 2000 से बरामद हेतु शेष समस्त गुमशुदाओं को बरामद किये जाने हेतु सर्वसम्भव प्रयास किये जायें। गुमशुदाओं का मिलान प्रदेश/सीमावर्ती राज्यों में बरामद लावारिस शवों से भी अनिवार्य रूप से किया जाये। ऑपरेशन स्माइल में नियुक्त टीमों द्वारा अपने जनपदों के अतिरिक्त अन्य जनपदों के गुमशुदाओं को भी तलाश किये जाने का पूर्ण प्रयास किया जाये।गुमशुदाओं के बरामद होने पर उनकी सुपुर्दगी/पुनर्वास के सम्बन्ध में नियमानुसार कार्यवाही की जाये। बच्चों व महिलाओं से नियमानुसार पूछताछ की जाये। बरामद बच्चों/महिला/पुरूषों के सम्बन्ध में किसी अपराध के घटित होने की जानकारी मिलने पर नियमानुसार कठोर वैधानिक कार्यवाही की जाये। वर्ष 2015 से चलाये गये उक्त अभियान में 2023 तक 2486 बच्चे, 1207 महिला, 918 पुरूष (कुल 4611 गुमशुदाओं) को बरामद किया जा चुका है।
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