देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिल्कयारा उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में हुए भू-धंसाव का जायजा लेने पहुंचे। उन्होंने घटना के बारे में जानकारी ली और राहत बचाव कार्यों की जानकारी ली। बता दें कि चारधाम सड़क परियोजना के तहत यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा से पोलगांव के बीच राज्य की सबसे लंबी (4.5 किमी) सुरंग बनाई जा रही है। जिसमें अब करीब 500 मीटर हिस्सा ही सुरंग के आर-पार होने के लिए बचा है। दिन-रात दो शिफ्ट में मजदूर इस सुरंग का निर्माण कार्य कर रहे हैं।बीते शनिवार रात आठ बजे शिफ्ट शुरू हुई थी। जिसमें 40 से 50 मजदूर काम पर गए थे। यह शिफ्ट रविवार को बड़ी दीपावली के दिन सुबह 8 बजे खत्म होने वाली थी। जिसके बाद सभी मजदूर दीपावली की छुट्टी मनाने के लिए उत्साहित थे। लेकिन इससे पहले ही सुरंग के सिलक्यारा वाले मुहाने से 230 मीटर अंदर सुरंग टूट गई। पहले धीरे-धीरे मलबा गिरा। जिसे सभी ने हल्के में लिया। इसके बाद उत्तरकाशी के यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए मलबा हटाने का कार्य जारी है। मलबा हटाने के लिए हैवी एक्सकैवेटर मशीनों को जुटाया गया है। वॉकी-टॉकी के थ्रू टनल में फंसे मजदूरों से संपर्क हुआ हैं। मजदूरों ने बताया कि वह सुरक्षित हैं। फंसे हुए मजदूरों द्वारा खाने की मांग की गई थी। टनल में पानी की आपूर्ति के लिए बिछी पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है । इसी पाइपलाइन के जरिए रात में खाने के लिए कुछ पैकेट कंप्रेसर के जरिए दबाव बनाकर टनल में फंसे मजदूरों तक भेजे गए हैं।सुरंग के अंदर पाइपलाइन राहत और बचाव अभियान में काफी मददगार साबित हो रही है। इसी पाइपलाइन के जरिए मजदूरों से कम्युनिकेशन स्थापित करने का काम भी लिया जा रहा है। पहले टनल में फंसे मजदूर तक संदेश भेजने के लिए कागज पर लिखे संदेश की पर्ची पाइप लाइन के जरिए भेजी गई थी। बाद में खाने के लिए चने के पैकेट भी इसी पाइपलाइन के जरिए भेजे गए। इस बीच सोमवार को मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों के साथ भूधंसाव का बारिकी से जायजा लिया और टनल के अंदर हो रहे राहत कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने बचाव कार्यों की तारीफ करते हुए अविलंब समस्त प्रयास कर फंसे हुए श्रमिकों को सुरक्षित निकालने का भरोसा जताया है।