हल्द्वानी। पीसीपीएनडीटी अधिनियम के उल्लंघन के मामलों को लेकर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को शहर के दो प्रमुख डायग्नोस्टिक केंद्रों पर औचक निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल और मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरीश पंत के निर्देश पर की गई इस संयुक्त जांच में सत्यम डायग्नोस्टिक सेंटर, हीरा नगर में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं, जिसके बाद केंद्र के अल्ट्रासाउंड कक्ष को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया। निरीक्षण टीम में सिटी मजिस्ट्रेट गोपाल सिंह चौहान, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. स्वेता भंडारी, ललित ढोंडियाल और जगदीश चंद्र शामिल थे। टीम ने सत्यम सेंटर पहुंचकर पाया कि केंद्र पर रेडियोलॉजिस्ट मौजूद नहीं थे, बावजूद इसके 26 मरीज़ों के अल्ट्रासाउंड की पर्चियां काटी गई थीं। स्टाफ द्वारा इस पर कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया गया। जांच में यह भी सामने आया कि एएनसी रजिस्टर और फॉर्म-F पर रेडियोलॉजिस्ट के हस्ताक्षर नहीं थे। जब टीम ने सीसीटीवी फुटेज की मांग की, तो स्टाफ ने कैमरा खराब होने का बहाना बनाकर फुटेज उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया। इन गंभीर लापरवाहियों और कानून के उल्लंघन को देखते हुए टीम ने सेंटर के प्रतिनिधियों को कड़ी फटकार लगाई और अल्ट्रासाउंड कक्ष को मौके पर ही ताला लगाकर बंद कर चाबी ज़ब्त कर ली। साथ ही सेंटर को तीन दिनों के भीतर स्पष्टिकरण देने के आदेश जारी किए गए हैं। वहीं, राघव पैथ लेब, मुखानी में निरीक्षण के दौरान सभी दस्तावेज और व्यवस्थाएं नियमों के अनुरूप पाई गईं, इसलिए वहां कोई कार्रवाई नहीं की गई। स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि पीसीपीएनडीटी अधिनियम के पालन में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अधिकारियों ने यह भी कहा कि ऐसे निरीक्षण भविष्य में नियमित रूप से जारी रहेंगे ताकि कानून का पालन सुनिश्चित किया जा सके और अनियमितताओं को रोका जा सके।









